राष्ट्रीय राजधानी में वकील-पुलिस की भीषण झड़प की घटनाओं के बाद दिल्ली उच्च न्यायालय के आदेश पर इस विवाद का हल निकालने के लिए सभी जिला अदालत एसोसिएशन के सदस्यों, दिल्ली पुलिस के प्रतिनिधियों और उपराज्यपाल अनिल बैजल के बीच रविवार को हुई बैठक में कोई नतीजा नहीं निकल सका. इस कारण दिल्ली में वकीलों की हड़ताल जारी रहेगी. समन्वय समिति के महासचिव ने यह जानकारी दी.
सभी जिला न्यायालयों के बार एसोसिएशन की समन्वय समिति के महासचिव धीर सिंह कसाना ने कहा, ‘‘हमारे सहयोग के बावजूद, अधिवक्ताओं पर गोली चलाने वाले पुलिस कर्मियों को गिरफ्तार करने के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया, इसलिए दिल्ली के सभी जिला अदालतों में शांतिपूर्ण तरीके से पूर्ण हड़ताल रहेगी. हमारी मांग थी कि वकीलों पर गोली चलाने वाले पुलिस अधिकारियों गिरफ्तार किया जाए. पुलिस अधिकारियों ने इसका विरोध किया. इसलिए हम काम का बहिष्कार करना जारी रखेंगे.’’ हालांकि, पुलिस ने उपराज्यपाल के निवास पर चर्चा के दौरान कहा कि उन्हें समझने की कोशिश की गई कि चूंकि न्यायिक जांच चल रही है, इसलिए जांच के परिणाम के आधार पर ही किसी भी आरोपी व्यक्तियों के खिलाफ आगे की कार्रवाई की जानी चाहिए.
उन्होंने बताया कि उपराज्यपाल ने पुलिस और वकील दोनों से अपील की कि वे इस मुद्दे को सुलझाने के लिए बातचीत जारी रखें. उन्होंने बताया, ‘‘माननीय दिल्ली उच्च न्यायालय के निर्देश पर वकीलों के निकायों के साथ वार्ता शुरू करने के लिए दिल्ली पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों की एक टीम गठित की गई है. दिल्ली के उपराज्यपाल की उपस्थिति में आज शाम दोनों पक्षों के बीच एक बैठक आयोजित की गई.’’
उन्होंने बताया, ‘‘चर्चा के दौरान दिल्ली पुलिस के अधिकारियों ने बताया कि चूंकि न्यायिक जाँच पहले से ही चल रही है, इसलिए न्यायिक जाँच के परिणाम के आधार पर ही किसी भी आरोपी व्यक्ति के खिलाफ आगे की कार्रवाई की जानी चाहिए. उपराज्यपाल ने पुलिस और वकील दोनों से मुद्दों को सुलझाने के लिए बातचीत जारी रखने की भी अपील की.’’ कसाना ने बताया कि एक घंटे तक चली बैठक में विशेष पुलिस आयुक्त सतीश गोलचा, प्रवीर रंजन, संयुक्त आयुक्त देवेश श्रीवास्तव, पुलिस उपायुक्त (उत्तर) मोनिका भारद्वाज, बार काउंसिल ऑफ इंडिया के अध्यक्ष मनन कुमार मिश्रा और सभी जिला अदालतों के बार एसोसिएशन की समन्वय समिति के सभी सदस्य उपस्थित थे.