दिल्ली के उपराज्यपाल अनिल बैजल (Anil Baijal) ने दिल्ली की केजरीवाल सरकार के आदेश को पलटते हुए कहा है कि दिल्ली में सभी राज्यों के लोगों का इलाज किया जाएगा. डीडीएमए के चेयरमैन के तौर पर मिले विशेष अधिकारों के तहत उपराज्यपाल ने दिल्ली सरकार के इस फैसले को पलटा है. दिल्ली के उपराज्यपाल के इस फैसले के बाद अब दिल्ली के सभी अस्पतालो में देश के हर नागरिक का इलाज किया जा सकेगा.
इसके पहले रविवार को दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) ने यह फरमान सुनाया था कि दिल्ली के अस्पतालों में 60 से 70 फीसदी लोग बाहर से इलाज करवाने के लिए आ जाते हैं जिससे दिल्ली के अस्पतालों में जगह खाली नहीं मिलती है और दिल्ली के स्थानीय लोगों को दिल्ली के अस्पतालों का उचित फायदा नहीं मिल पाता है इसलिए सीएम अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली में बाहरी राज्यों के लोगों के इलाज पर रोक लगाने का आदेश दे दिया था. केजरीवाल के इस आदेश के अगले दिन यानि की सोमवार को ही दिल्ली के उपराज्यपाल अनिल बैजल ने एक सिरे से खारिज कर दिया है. मीडिया सूत्रों के मुताबिक उपराज्यपाल ने डीडीएमए चेयरपर्सन होने की हैसियत से संबंधित विभागों और प्रशासन को निर्देश दिया है कि बाहरी राज्य के किसी व्यक्ति को इलाज से मना नहीं किया जाए. आपको बता दें कि उपराज्यपाल के इस फैसले के बाद दिल्ली के बाहरी लोगों को भी राहत मिलेगी.
दिल्ली के अस्पताल केवल दिल्ली वासियों का इलाज करेंगे- केरजरीवाल
आपको बता दें कि इसके पहले रविवार को दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल ने रविवार को घोषणा की थी कि कोरोना वायरस महामारी के दौरान दिल्ली के सरकारी और निजी अस्पताल केवल दिल्ली के लोगों का इलाज करेंगे और शहर की उत्तर प्रदेश तथा हरियाणा से लगतीं सीमाएं सोमवार से खुलेंगी. केजरीवाल ने ऑनलाइन संवाददाता सम्मेलन में कहा कि दिल्ली में केंद्र सरकार द्वारा संचालित अस्पतालों के लिए इस तरह का कोई प्रतिबंध नहीं होगा और यदि दूसरे राज्यों के लोग कुछ विशिष्ट ऑपरेशनों के लिए दिल्ली आते हैं तो उन्हें निजी अस्पतालों में उपचार कराना होगा.
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90 फीसदी से ज्यादा लोग चाहते हैं कोरोना का इलाज दिल्ली में हो- केजरीवाल
मुख्यमंत्री की इस घोषणा से एक दिन पहले आप सरकार द्वारा गठित पांच सदस्यीय समिति ने सिफारिश की थी कि कोविड-19 संकट के मद्देनजर शहर की स्वास्थ्य अवसंरचना का इस्तेमाल केवल दिल्लीवासियों के उपचार के लिए होना चाहिए. केजरीवाल ने कहा, 90 प्रतिशत से अधिक लोग चाहते हैं कि कोरोना वायरस महामारी के दौरान दिल्ली के अस्पताल केवल राष्ट्रीय राजधानी से ताल्लुक रखने वाले मरीजों का उपचार करें. उन्होंने कहा, इसलिए, यह निर्णय किया गया है कि दिल्ली स्थित सरकारी और निजी अस्पताल केवल राष्ट्रीय राजधानी से ताल्लुक रखने वाले लोगों का ही इलाज करेंगे. मुख्यमंत्री ने पिछले सप्ताह शहर की सीमाओं को बंद करने की घोषणा करते हुए मुद्दे पर लोगों से राय मांगी थी. केजरीवाल ने रविवार को कहा, दिल्ली की स्वास्थ्य अवसंरचना को इस समय कोरोना वायरस संकट से निपटने की आवश्यकता है.
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केजरीवाल को इस बयान पर माफी मांगनी चाहिए- केशव प्रसाद मौर्या
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की इस हालिया घोषणा को लेकर उनकी आलोचना करते हुए उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने सोमवार को कहा कि केजरीवाल को पूरे देश से माफी मांगनी चाहिए. मौर्य ने सोमवार को कहा, बात जहां तक चिकित्सा सुविधाएं देने की है, उसमें कोई भेदभाव नहीं होना चाहिए. ऐसा तो 'रावण राज' में भी नहीं हुआ. मैं समझ नहीं पा रहा हूं कि आखिर अरविंद केजरीवाल ने ऐसा बयान कैसे दिया? उन्हें तुरंत अपना बयान वापस लेना चाहिए क्योंकि चिकित्सा पाना देश के प्रत्येक नागरिक का मौलिक अधिकार है. यहां यह मायने नहीं रखता कि वह कहां रहता है और उसका इलाज कहां हो रहा है.’’ उन्होंने कहा, ''यह आपदा का समय है और इस समय इस तरह का बयान नहीं देना चाहिए.