पिछले लगभग दो महीनों से दिल्ली के सिंघू बॉर्डर पर नये कृषि कानूनों के विरोध में धरने पर बैठे किसान एक बार फिर दिल्ली में 26 जनवरी को हुई हिंसा के बाद एक बार फिर किसानों ने दिल्ली से निकल कर सिंघू बॉर्डर पर डेरा डालने की कोशिश की जिसके बाद वहां पर स्थानीय लोगों की एक भीड़ इकट्ठा हो गई और किसानों को वहां बैठने से मना करने लगे. स्थानीय लोगों ने इन किसानों को दोबारा वहां बैठने से न सिर्फ रोका ही बल्कि मीडिया को बुलाकर कैमरे के सामने इन किसानों के आंदोलन के विरोध में नारे भी लगाए. स्थानीय लोगों ने किसानों के प्रदर्शन का विरोध करते हुए सिंघू बॉर्डर खाली करो के नारे लगाए.
आपको बता दें कि दिल्ली में गणतंत्र दिवस पर मंगलवार को किसानों की ट्रैक्टर परेड के दौरान हुई हिंसा पर केंद्र सरकार सख्त हुई है. गणतंत्र दिवस को हुई इस हिंसा पर गृह मंत्रालय एक्शन मोड में आ चुका है. गृहमंत्री अमित शाह ने घटना के अगले दिन बुधवार को एक बार फिर उच्चस्तरीय बैठक लेकर राजधानी में कानून-व्यवस्था की समीक्षा की और दिल्ली के संवेदनशील इलाकों की सुरक्षा बढ़ाने के निर्देश दिए, और हिंसा में शामिल लोगों के खिलाफ तेज गति से एक्शन लेने को कहा.
गृहमंत्री ने बुधवार को की उच्च स्तरीय बैठक
गृहमंत्री अमित शाह के आवास पर बुधवार को दोपहर एक बजे से शुरू हुई उच्चस्तरीय बैठक एक घंटे से ज्यादा समय तक चली. जिसमें गृहमंत्रालय के आला अफसरों के अलावा इंटेलीजेंस ब्यूरो(आईबी) के निदेशक भी शामिल हुए. इस बैठक में आला अफसरों ने गणतंत्र दिवस पर हिंसा होने से लेकर अब तक हुई कार्रवाई का ब्यौरा गृहमंत्री के सामने पेश किया. अफसरों ने आंदोलनकारी किसानों पर परेड के लिए निर्धारित रूट की शर्तो का उल्लंघन करने का आरोप लगाया.
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प्रकाश जावडे़कर ने कहा अभी भी दरवाजे खुले हैं
वहीं केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने दिल्ली में हुई इस हिंसा के पीछे कांग्रेस और वामपंथियों का हाथ बताया. उन्होंने किसानों के मुद्दे को हल करने के लिए सरकार के प्रयासों के बारे में बात करते हुए उन्होंने कहा कि सरकार ने 10वें दौर की वार्ता पूरी कर ली है, एक या डेढ़ साल के लिए कानून को रोकने और स्थगित करने पर भी तत्परता दिखाई है. हर बिंदु पर चर्चा कर ये दिखाए कि इन कानूनों के माध्यम से किसके अधिकार का उल्लंघन किया गया है.
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किसानों के बिना देश का विकास असंभव हैः पीयूष गोयल
भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) के एक कार्यक्रम में केंद्रीय रेलमंत्री पीयूष गोयल ने कहा था कि किसानों के बगैर भारत का विकास असंभव है. पीयूष गोयल केंद्र सरकार में वाणिज्य एवं उद्योग के साथ-साथ उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्री भी हैं. गोयल ने कहा कि सरकार ने कृषि क्षेत्र की प्रगति और किसानों की आय दोगुनी करने को प्राथमिकता दी है, जिसमें आईसीएआर की अहम भूमिका होगी. उन्होंने कहा कि आत्मनिर्भर भारत की परिकल्पना को साकार करने में आईसीएआर की भूमिका महत्वपूर्ण है. गोयल ने कहा, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जय जवान-जय किसान-जय विज्ञान के साथ जय अनुसंधान को भी जोड़ा है. उन्होंने फल-फूलों का आयात कम करते हुए अपने देश में ही इनका उच्च कोटि का उत्पादन बढ़ाने के लिए आईसीएआर को अनुसंधान व विश्लेषण करने का सुझाव दिया.
Source : News Nation Bureau