Delhi : CBI मामले में मनीष सिसोदिया की जमानत पर सुनवाई टली, ईडी को मिली रिमांड

Delhi : दिल्ली शराब घोटाले में गिरफ्तार आप नेता मनीष सिसोदिया (Manish Sisodia) शुक्रवार को राउज एवेन्यू कोर्ट में पेश हुए. प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने मनीष सिसोदिया की 10 दिन की रिमांड मांगी है.

author-image
Deepak Pandey
एडिट
New Update
Manish Sisodia

मनीष सिसोदिया( Photo Credit : File Photo)

Advertisment

Delhi : दिल्ली शराब घोटाले में गिरफ्तार आप नेता मनीष सिसोदिया (Manish Sisodia) शुक्रवार को राउज एवेन्यू कोर्ट में पेश हुए. प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने मनीष सिसोदिया की 10 दिन की रिमांड मांगी है. वकीलों की दलील सुनने के बाद कोर्ट ने थोड़ी देर के लिए फैसला सुरक्षित रख लिया. इसके बाद अदालत ने सिसोदिया को 7 दिन के लिए ईडी की हिरासत में भेज दिया. वहीं, सीबीआई के मामले में सिसोदिया की जमानत याचिका टल गई है. अब सीबीआई के केस में 21 मार्च को सुनवाई होगी. 

मनीष सिसोदिया के वकील दयानन कृष्णन ने कोर्ट के सामने अपनी दलील रखते हुए कहा कि इस मामले में ईडी की कार्रवाई का मामला नहीं बनता है. जांच एजेंसी पॉलिसी बनाने से पहले की स्थिति की जांच कर रही है. उन्होंने कहा कि उनको मेरे पास से कोई पैसा नहीं मिला, इसलिए यह कह रहे हैं कि विजय नायर मेरे इशारे पर काम कर रहा था. 

सिसोदिया के वकील दयानन कृष्णन ने विजय मदनलाल चौधरी मामले में सुप्रीम कोर्ट के फैसले का हवाला देते हुए कहा कि हमें विधेय अपराध और मनी लॉन्ड्रिंग के बीच के अंतर को नहीं भूलना चाहिए. पैसे का पता लगाना उनका कर्तव्य है. उन्होंने आगे कहा कि ED के अनुसार यह एक दोषपूर्ण नीति है. चुनी हुई सरकारें नीति बनाती हैं, यह विभिन्न परतों से होकर जाता है. यह सरकार, नौकरशाहों, वित्त और कानून सचिवों के माध्यम से जाता है. नीति LG के पास भी भेजी गई थी.

सिसोदिया के वकील ने आगे कहा कि यह पॉलिसी एलजी के पास गई. एलजी केंद्र सरकार हैं. मेरे पास से कोई पैसा नहीं मिला है तो अब यह कहने लग गए हैं कि विजय नायर मेरे कहने पर काम कर रहा था. इनको अब तक मेरे पास से एक भी रुपया क्यों नहीं मिला? एलजी ने तीन सवाल भेजे, लेकिन उनमें से कोई भी प्रॉफिट मार्जिन या एलिजिबिलिटी क्राइटेरिया को लेकर नहीं थे. 

सिसोदिया के वकील ने कहा कि PMLA बेहद सख्त कानून है. यहां पुख्ता सबूत के बजाय एजेंसी की धारणा के हिसाब से गिरफ्तारी हो रही है. ईडी को यह दिखाना होगा कि सिसोदिया के पास एक रुपया भी गया. हम सीबीआई मामले में कोर्ट के सामने जमानत पर बहस करने वाले थे. मुझे पहले कभी नहीं बुलाया गया. जमानत की सुनवाई से एक दिन पहले मुझे गिरफ्तार कर लिया गया. ईडी का ECIR 2022 का है, इस तरह के आचरण पर कोर्ट को ध्यान देना चाहिए.

सिसोदिया के वकील मोहित माथुर ने कहा कि इन दिनों यह फैशन हो गया है कि यह अपने अधिकार के तहत गिरफ्तारी करते हैं. समय आ गया है कि अब अदालत एजेंसियों को काबू में करें. इनको यह ताकत इसलिए मिल जाती है क्योंकि एक तो हम अपना होमवर्क ठीक से नहीं करते और ना ही कोर्ट को सूचित करते हैं कि उसको इस मामले में देखने की जरूरत है और बस यह देखते हैं कि क्या उनको कस्टडी में लेने की पावर है. सिसोदिया के वकील ने कहा कि राजेश जोशी ने अपने बयान में एक जगह कहा था कि 30 करोड़ कैश लिया, गोवा चुनाव में 5 लाख, सर्वे के काम के लिए कुछ हजार रुपये लिए. 

ED ने सिसोदिया की तरफ से तीन वरिष्ठ वकीलों के पेश होने पर आपत्ति जताई है. ED के वकील ने कहा कि कई आरोपियों के लिए इतने वकील पेश होते तो कोई बात नहीं थी, लेकिन सिर्फ एक आरोपी के लिए तीन वकीलों का पेश होने पर हमको आपत्ति है. सिसोदिया के वकील ने कहा कि अगर गोवा चुनाव में आपको पैसा देने की बात विजय नायर की तरफ से कही गई तो इसमें सिसोदिया कहां हैं.

यह भी पढ़ें : मसूरी झील के पास हुआ बड़ा हादसा, फॉर्च्यूनर कार गिरी गहरी खाई में, सात लोग हुए घायल

सिसोदिया की तरफ से सिद्धार्थ अग्रवाल ने कहा कि फरवरी 2021 में दिनेश अरोड़ा ने बताया कि उनके पास सार्थक नाम से लाइसेंस है, उसको ट्रांसफर करवाना है, इसको लेकर सिसोदिया से बात करो. इस पर विजय नायर ने कहा था कि वह शराब नीति को लेकर सिसोदिया से कोई बात नहीं कर सकते हैं. वकील ने कहा कि जांच एजेंसी आरोप लगा रही है सिसोदिया को 20-30 करोड़ रुपये मिले, लेकिन उनके पास से 20-30 रुपये भी नहीं मिले. एजेंसी को आरोप लगाने से पहले यह साबित करना होगा कि मैं मनी लॉन्ड्रिंग का दोषी हूं.

ED ने कोर्ट में कहा कि शराब की बिक्री के लिए तय व्यवस्था का भी उल्लंघन हुआ. ग्रुप ऑफ मिनिस्टर की मीटिंग में कुछ ऐसे बातें जिनमें कभी चर्चा ही नहीं की गईं, उन्हें इसमें रखा गया और अमल में लाया गया था. कुछ लोगों को फायदा देने के लिए ये सब किया गया. आरोपी से जुड़े चार्टर्ड अकाउंटेंट (CA) ने भी पूछताछ में खुलासा किया है. सिसोदिया ने जांच में सहयोग नहीं किया है.

ED ने कहा कि पूर्व आबकरी कमिश्नर ने कहा कि  GOM ने कई बार अलग-अलग तरह के डेटा की मांग की, लेकिन बैठकों में उनपर चर्चा नहीं की गई. पूर्व आबकरी कमिश्नर ने कहा कि होल सेल प्रॉफिट मार्जिन 12% तय किया गया. ग्रुप ऑफिसर की मीटिंग में 12 फ़ीसदी प्रॉफिट मार्जिन पर चर्चा नहीं हुई थी, लेकिन वह उस ड्राफ्ट का हिस्सा था जो मनीष सिसोदिया ने अपनी सेक्रेटरी को दिया विजय नायर ही था जो सारे मामले को देख रहा था. वही सारी साजिश को कोआर्डिनेट कर रहा था.

इस जज ने पूछा कि क्या यह फाइनल रिपोर्ट का हिस्सा था? इस पर ED ने बताया कि 12% प्रॉफिट मार्जिन फाइनल रिपोर्ट का हिस्सा था, जबकि ग्रुप ऑफ मिनिस्टर की मीटिंग में या फिर किसी कंसल्टेशन में इस पर चर्चा नहीं हुई. ED के मुताबिक, 12 फीसदी प्रॉफिट मार्जिन खुद सिसोदिया ने रखा. ED के मुताबिक, मनीष सिसोदिया ने ड्राफ्ट डॉक्यूमेंट अपने सचिव अरविंद को दिया. यह डॉक्यूमेंट अरविंद केजरीवाल के घर पर दिया गया और सचिव से कहा गया कि इसके आधार पर फाइनल रिपोर्ट तैयार करें.

ED के अनुसार, प्रॉफिट मार्जिन 6 से बढ़ाकर 12 % किया गया, ये बढ़ा हुआ हिस्सा दलाली के तौर पर मिला. विजय नायर के जरिए आम आदमी पार्टी के नेताओं की साउथ ग्रुप से बातचीत हुई और उनको 100 करोड रुपये साउथ ग्रुप से मिले. इन 100 करोड़ रुपये के बदले में विजय नायर ने यह सुनिश्चित किया कि साउथ ग्रुप को होल सेल डिस्ट्रीब्यूशन और रिटेल जोन के लाइसेंस मिले. ED ने कहा कि कविता के ऑडिटर बुचिबाबू ने बताया कि मनीष सिसोदिया और कविता के बीच राजनीतिक तालमेल था. कविता ने विजय नायर से मुलाकात की थी. विजय नायर मुख्यमंत्री केजरीवाल और डिप्टी CM मनीष सिसोदिया के इशारे पर काम कर रहा था. दिनेश अरोड़ा ने अपने स्टेटमेंट में बताया था कि संजय सिंह ने उन्हें कॉल किया था. 

ईडी ने कहा कि दिनेश अरोड़ा ने अपने बयान में कहा कि संजय सिंह ने कॉल करके कहा कि वो चुनाव के लिए फंड जमा करे. सिसोदिया कई बार अरोड़ा के रेस्टोरेंट कोर्ट यार्ड भी गए. इंडोस्प्रिट को लाइसेंस देने के लिए मनीष सिसोदिया ने कहा था. देवेंद्र शर्मा (सिसोदिया के पीएस) ने अपने बयान में कहा कि उसके नाम पर सिम कार्ड और फोन का इस्तेमाल किया गया. बड़ी तादात में डिजिटल एविडेंस को नष्ट किया गया. मनी ट्रेल का पता लगाना है. डिजिटल साक्ष्यों को नष्ट करने का मकसद जांच को भटकाना था. मनीष सिसोदिया ने एक साल के भीतर 14 फोन को नष्ट किया, दूसरे नाम पर सिम कार्ड और फोन को खरीदा.

cbi Manish Sisodia Manish Sisodia Bail manish sisodia bail plea manish sisodia bail hearing former delhi deputy cm manish sisodia gets bail today EC case in sisodia
Advertisment
Advertisment
Advertisment