जामिया कांड (Jamia Case) में एक ट्वीट को लेकर विवादों में फंसे मनीष सिसोदिया (Manish Sisodia) की मुसीबतें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं. बीजेपी (BJP) की दिल्ली ईकाई के बाद अब एक शख्स ने मनीष सिसोदिया के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की मांग वाली अर्जी दिल्ली पुलिस (Delhi Police) को सौंपी है. दिल्ली पुलिस मुख्यालय को यह अर्जी (शिकायत) सोमवार को दी गई. आईएएनएस के पास मौजूद शिकायत की प्रति पर बाकायदा दिल्ली पुलिस कमरा नंबर-1 की मुहर भी लगी हुई है. शिकायतकर्ता अलख आलोक श्रीवास्तव ने खुद इसकी पुष्टि की है. हालांकि दिल्ली पुलिस प्रवक्ता मंदीप सिंह रंधावा की ओर से इस बाबत कोई अधिकृत बयान मीडिया में जारी नहीं किया गया है. जबकि दिल्ली पुलिस के एसीपी और अतिरिक्त प्रवक्ता अनिल मित्तल ने आईएएनएस से बातचीत में ऐसी कोई शिकायत मिलने की जानकारी होने से इनकार किया है.
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बकौल अनिल मित्तल, "मेरी जानकारी में ऐसी कोई बात नहीं है. अगर कोई शिकायत दी भी गई होगी तो हो सकता है, वह जयसिंह रोड स्थित नए मुख्यालय में सीधी पहुंची हो. जिसने शिकायत दी है, वही इस बारे में ज्यादा बेहतर बता सकता है." शिकायतकर्ता अलख द्वारा दी गई शिकायत में दिल्ली पुलिस से मांग की गई है कि दिल्ली के उपमुख्यमंत्री और शिक्षा मंत्री मनीष सिसौदिया के खिलाफ मामला दर्ज किया जाए, ताकि वह बतौर मुलजिम कानून के दायरे में आ सकें.
इस मांग और शिकायत के बाबत पूछे जाने पर सोमवार को आईएएनएस को शिकायतकर्ता और सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ वकील अलख आलोक श्रीवास्तव ने बताया, "मनीष सिसौदिया में रविवार को जामिया में फैले उपद्रव को और ज्यादा तूल देने का घिनौना काम किया है. मनीष सिसौदिया ने तमाम कायदे-कानूनों को दरकिनार करते हुए अपने ट्विटर हैंडर के जरिये अफवाहों को फैलाने का काम किया है. यह सिर्फ राजनीतिक विद्वेष की भावना के चलते किया गया था."
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दिल्ली पुलिस मुख्यालय को प्राप्त कराई गई शिकायत में औलख ने साफ-साफ लिखा है कि मनीष सिसोदिया ने ही ट्विटर के जरिये यह बात फैलाई कि दिल्ली पुलिस बसों में आग खुद लगा-लगवा रही है. शिकायतकर्ता के मुताबिक, किसी राज्य के उपमुख्यमंत्री या शिक्षा मंत्री को क्या ऐसा घिनौना और निंदनीय कृत्य करना चाहिए? अगर नहीं तो फिर उनके खिलाफ पुलिस एफआईआर दर्ज करके जांच करे.
Source : आईएएनएस