दिल्ली विधानसभा ने विधायकों, मंत्रियों, विधानसभा अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, मुख्य सचेतक और नेता प्रतिपक्ष की सैलरी, पेंशन और भत्तों में संशोधन से संबंधित पांचों विधेयक पास कर दिये हैं. इस दौरान मनीष सिसोदिया ने कहा कि विधायकों की सैलरी बढ़ाने पर ये पहली बार किसी विधानसभा में इतनी चर्चा हो रही है, वर्ना प्रस्ताव आया है और पास हो जाता है. अगले दिन अखबारों में छप जाता है, ये चर्चा की अच्छी परंपरा है. मनीष सिसोदिया ने कहा कि विधायकों की 12 हजार सैलरी को 30 हजार रुपए प्रतिमाह किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि पहले विधायकों को भत्तों को मिलाकर कुल 54 हज़ार रुपए मिलते थे, अब बढ़कर 90 हज़ार रुपए हो जाएगी. हमें इस बढ़ोतरी को स्वीकार करके धन्यवाद करना चाहिए.
अब तक दिल्ली के विधायकों की सैलरी लगती थी मजाक
मनीष सिसोदिया ने कहा कि एक कहावत है कि "उतने पैर पसारिए, जितनी लंबी सौर" मैं इस कहावत के विरोध में हूं, आदमी को यह नहीं पढ़ाना चाहिए, बल्कि यह पढ़ाना चाहिए कि ज़रुरत के हिसाब से चादर ले लेनी चाहिए, ये कहावत अच्छे संदर्भ में कही गई होगी लेकिन ये मानव के लिए बहुत घातक है. 6 फिट के आदमी को 5 फीट की नहीं 7 फीट की चादर लेनी चाहिए. अगर चादर 10 फीट की होगी तो भी वो परेशान ही रहेगा. जरुरत के हिसाब से प्रोफिट लेना चाहिए, दिल्ली के विधायक की सैलरी 12 हजार रुपए एक मज़ाक लगती है.
कमेटी ने दी थी 50 हजार की सैलरी करने की सलाह
मनीष सिसोदिया ने कहा कि विशेष रवि जी की अध्यक्षता में एक कमेटी बनी और अन्य राज्यों की स्टडी की. उनकी कमेटी ने एक रिपोर्ट दी. लेकिन 2015 से पिछले 7 सालों में ये रिपोर्ट इधर उधर होती रही. उसमें 50 हजार रुपए बेसिक सैलरी करने का प्रस्ताव था. अखबारों में छपा और चैनलों पर चला कि विधायकों ने अपनी सैलरी 4 गुना बढ़ाई, 400% बढ़ी. लेकिन ये गलत निकला. अब 12 हजार से 30 हजार रुपए प्रतिमाह माह करने की मंजूरी मिली है, जो कि अभी के संदर्भ में अच्छी बढ़ोतरी है.
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टैलेंट को आकर्षित करने के लिए अच्छा वेतन जरूरी
मनीष सिसोदिया ने कहा कि किसी भी संस्थान की प्रगति टेलेंट पर निर्भर करता है और टेलेंट को आकर्षित करने के लिए अच्छी सैलरी जरुरी है. हम कॉरपोरेट में नहीं है, मार्केट वैल्यू के हिसाब से नहीं हो सकता. लेकिन समाज सेवा के लिए पर्याप्त चादर ( सैलरी ) होनी चाहिए. अमेरिका जैसे विदेशों में सैलरी देखिए, वो दुनिया भर से टैलेंट को अपने पास लाते हैं. भारत में जैसे ब्यूरोक्रेसी को प्रोत्साहित करने के लिए किया जाता है, वैसे ही राजनीति में भी होना चाहिए.
HIGHLIGHTS
- दिल्ली में विधायकों की सैलरी बढ़ी
- सीटी रवि कमेटी ने की थी सिफारिश
- मनीष सिसोदिया बोले-पर्याप्त सैलरी जरूरी