दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि आज दिल्ली की प्रति व्यक्ति आय देश में सबसे ज़्यादा है, जीडीपी ग्रोथ सबसे बढ़िया चल रहा है। ऐसे में आज ये सपना देखना कोई बड़ी चीज नहीं है कि दिल्ली में अगले 5 साल में 20 लाख नई नौकरियां आ जाएंगी और हम ये करके दिखाएंगे. दिल्ली आज देश में स्टार्टअप की राजधानी है और हम चाहते हैं कि हमारे नौजवान रोज़गार देने वाले बनें। अगर कोई नौजवान स्टार्टअप में अपना काम शुरू करना चाहता है तो उसका 90% समय सरकारी झंझटों में जाता है। सरकार की स्टार्टअप नीति में सरकार उसका 90% झंझट दूर करेगी. दिल्ली बजट पर न्यूज नेशन के एक्सक्लूसिव इंटरव्यू में क्या-क्या बोले मनीष सिसोदिया.
सवाल -- क्या क्या है इस बार के बजट में
--जनता के लिए सबसे महत्वपूर्ण कोविड-19 बाद रोजगार है हमने जनता से पूछा कि इस बजट में क्या हो तो जनता ने कहा कि रोजगार होना चाहिए और इसके लिए रोजगार बजट तैयार किया इसके लिए हमने मार्केट से बात की इंडस्ट्री किससे बात किए एक्सपर्ट से बात की दिल्ली में 5 साल में 3000000 रोजगार कैसे आ सकता है उसका पूरा खाका तैयार किया
सवाल - सरकारे रोजगार की बात करती है ,कहां से 5 साल में 20 लाख रोजगार देगी सरकार
अगले 5 साल में 20 लाख रोजगार,ये क्षमता दिल्ली में है हम ने साफ कर दिया है कि सरकार इसके लिए भी यह करेगी दिल्ली का होलसेल बाजार बहुत बड़ा है यहां रोजगार के अवसर बहुत है यहां का बाजार गांधीनगर बहुत बड़ा है दिल्ली स्टार्टअप कैपिटल है हम नई नौकरियों की बात कर रहे हैं आज जो लोग नौकरियां कर रहे हैं उनके अलावा 2000000 लोग नौकरियां करेंगे कहते थे बिजली सस्ती नहीं हो सकती केजरीवाल जी ने बिजली सस्ती करके दिखा दी सरकारी स्कूल ठीक नहीं हो सकते वह भी ठीक करके दिखा दिए अब रोजगार भी करके दिखाएंगे
सवाल क्या सरकार के पास है रोजगार देने का ब्लू प्रिंट --
इसका पूरा खाका तैयार करने के बाद ही से बजट में शामिल किया गया है ऐसे हवा में कुछ नहीं किया गया पूरी टीम इसके लिए लगाई गई और पिछले चार-पांच महीने में अलग-अलग सेक्टर के लोगों से मार्केट में जा जाकर मुलाकात की है वहां उनकी ग्रोथ और उनकी ग्रुप से कितने रोजगार बढ़ते हैं उसका एक अंदाजा भी लगाया गया और उसके बाद ही आराम से कह रहे हैं कि 5 साल में 20 लाख नौकरियां देने की बात कह रहे हैं
वित्त मंत्री ने शिक्षा मंत्री को क्या दिया --
शिक्षा मंत्री को हमेशा इस बात का फायदा मिला है कि दिल्ली का शिक्षा मंत्री ही वित्त मंत्री भी है तो इस बार भी शिक्षा को बजट ज्यादा ही मिला है दिल्ली सरकार के 75-- 76 हज़ार करोड़ के बजट में सबसे ज्यादा शिक्षा को ही मिला है एजुकेशन में हमने जो अभी तक काम किए हैं उनको ठीक से लागू करना है और बच्चों के लिए साइंस म्यूजियम बनाना है स्पोर्ट्स की फैसिलिटी बढ़ानी है अर्ली चाइल्डहुड का सेंटर अभी छोटा हुआ है इस को दुरुस्त करने पर काम करेंगे
सवाल -- *हायर एजुकेशन पर काम होगा ?
-- ऐसा नहीं है कि पिछले 7 सालों में हमने हायर एजुकेशन पर काम नहीं किया 7 साल में हमने 5 नई हायर एजुकेशन की यूनिवर्सिटी बनाए हैं जो यूनिवर्सिटी पहले से थी उनमें केंपस भी खोलें हैं लगभग दोगुनी सीट हो गई हैं ज्यादातर कॉलेज में। अब हायर एजुकेशन को और आगे बढ़ाने के लिए योजना हमने इस बजट में रखी है
सवाल -- विपक्ष कहता है परिवहन और यमुना सफाई के लिए कोई काम नही हुआ
-- विपक्ष एक फेल्ड पार्टी है उन्हें नगर निगम में भी मौका मिला उन्होंने उस पर भी कुछ नहीं किया उन्होंने कूड़े के पहाड़ खड़े कर दिए,अब वो कुछ भी कहे दिल्ली की जनता जानती है की कि किस तरह से अपना दिल्ली में मेट्रो का नेटवर्क बड़ा है जो बसें पिछले 10 साल में खरीदी नहीं गई थी अब 7000 बसें दिल्ली में आ गई हैं हमारा काम काम करते रहना है और जो कहा है वह करके दिखाया है
सवाल -- निगम को लेकर सदन में आये बिल पर क्या कहना है
-- दिल्ली सरकार ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के कार्यकाल में जितना पैसा निगम को दिया उत्तरा ना तो भाजपा के कार्यकाल में मिला ना ही कांग्रेस के कार्यकाल में एक नियम के तहत सरकार पैसा देती है शीला दीक्षित सरकार के समय भी और उपराज्यपाल के शासन के समय भी ग्रांड के रूप में पैसा दिया जाता था और दूसरे रास्ते से लोन के इंटरेस्ट के रूप में काटने जाता था लेकिन अरविंद केजरीवाल से लोन का इंटरेस्ट भी नहीं करता लेकिन बीजेपी ने लूट की इंतेहा कर दी अब इनके लूट से जनता भी दुखी है तो यह चुनाव से भाग गए.
Source : Mohit Bakshi