आम आदमी पार्टी (AAP) के वरिष्ठ नेता एवं दिल्ली के शिक्षा एवं उप-मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया और पंजाब के शिक्षा मंत्री परगट सिंह के बीच शिक्षा व्यवस्था पर छिड़ी बहस में भले ही पंजाब सरकार द्वारा सबसे बेहतरीन 250 स्कूलों की सूची आम आदमी पार्टी को नहीं सौंपी गई, लेकिन मनीष सिसोदिया दो कदम आगे बढ़ते हुए स्वयं पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी के विधानसभा क्षेत्र चमकौर साहिब के उनके ननिहाल (नानके) गांव मकडोना कलां के प्राइमरी स्कूल का जायजा लेने पहुंच गए.
मनीष सिसोदिया को मुख्यमंत्री चन्नी के ननिहाल, गांव मकडोना कलां के प्राइमरी स्कूल में पहली से पांचवीं कक्षा तक को पढ़ाने के लिए महज 6 हजार रुपये के वेतनमान पर एक अध्यापक मिला जिसने अपनी और छात्रों की समस्याओं से दिल्ली के उपमुख्यमंत्री को अवगत करवाया. अध्यापक ने बताया कि स्कूल में बच्चों के पेयजल की सुविधा तक नहीं थी, छात्रों और स्कूल स्टाफ को पास लगते गुरूद्वारा साहिब से पेयजल लाना पड़ता है. बच्चों के लिए लगाए गए झूले टूटे पड़े दिखे। दरपेश समस्याओं का जायज़ा लेते हुए मनीष सिसोदिया ने कहा कि यदि ऐसे में पंजाब सरकार शिक्षा व्यवस्था में स्वयं को नंबर-1 कहेंगे, तो यह बच्चों और शिक्षा व्यवस्था से खिलवाड़ है.
इससे पहले मनीष सिसोदिया गांव चकलां के प्राइमरी स्कूल पहुंचे. यहां जगह-जगह जाले लगे दिखे, जगह-जगह कूड़ा-करकट पड़ा दिखा, स्कूल के टॉयलट भी जर्जर और बदबूदार हालत में मिले. यहां तक की कक्षाओं की सफेदी (कली) भी उतरी मिली, फर्नीचर टूटा दिखा और जो बचा-कुचा फर्नीचर था, वह भी अव्यवस्थित ढंग से पड़ा मिला. यहां तक की स्मार्ट क्लास रूम में लगा टीवी का स्विच (हुक) भी टूटा पड़ा था और कंप्यूटर भी जर्जर हालत में मिला.
पंजाब की शिक्षा व्यवस्था से हो रहे खिलवाड़ और पंजाब के शिक्षा मंत्री परगट सिंह द्वारा पंजाब के स्कूलों और शिक्षा व्यवस्था को देश में सबसे बेहतरीन होने के दावे के संबंध में सिसोदिया चिंतन करने पर विवश हो गए कि परगट सिंह ने आखिर किस आधार पर यह दावा किया था.
Source : News Nation Bureau