दिल्ली में शराब पॉलिसी को लेकर विवाद बढ़ता जा रहा है. दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने पूरे मामले की सीबीआई जांच की सिफारिश की है. उन्होंने दिल्ली के पूर्व उप-राज्यपाल अनिल बैजल पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि एलजी ऑफिस में फैसलों को बदलकर कुछ लोगों को फायदा पहुंचाया गया, जिसकी वजह से दिल्ली सरकार को हजारों करोड़ का नुकसान हुआ. उन्होंने कहा कि एलजी ऑफिस में किसके दबाव में दिल्ली सरकार के फैसले बदले गए, इस बात की जांच होनी चाहिए.
2 दिन पहले एलजी ने लगा दी नई शर्त
मनीष सिसोदिया ने साफ साफ बोलते हुए कहा, 'नई एक्साइज पॉलिसी के इफेक्टिव इंप्लीमेंटेशन को रोककर कुछ ताकतवर लोगों ने कैसे कुछ दुकानदारों को फायदा पहुंचाया इसका ब्यौरा मैं आज रख रहा हूँ, यह हमने सीबीआई को भी दी है.' उन्होंने कहा कि सरकार ने मई 2021 में नई एक्साइज पॉलिसी पास की थी, इसके अनुसार पूरी दिल्ली में दुकानों की संख्या पहले के अनुसार 849 ही होनी थीं. पहले की पॉलिसी में कई जगह दुकानें बहुत थीं, कई जगह एक भी नहीं, नई पॉलिसी में बराबर संख्या में बांटा जाना था. इस पॉलिसी को लेकर एलजी ने बहुत बड़े सजेशन दिए थे, उन्हें सुधारकर जून में फिर से एलजी को यह पॉलिसी गई और उन्होंने मंजूरी दी. नई पॉलिसी में इसपर जोर था कि शराब की दुकानों को बराबर संख्या में बांटा जाएगा, हर वार्ड में 2-3 दुकानें होंगीं अन ऑथोराइज़्ड एरिया में भी दुकानें खुलनी थीं, लेकिन तब एलजी ने इसे मना नहीं किया, कोई ऑब्जेक्शन नहीं किया. लेकिन जब दुकानें खुलने की फाइल नवम्बर के पहले हफ्ते में एलजी ऑफिस गई, तब उन्होंने अपना स्टैंड बदल दिया. 17 नवम्बर से दुकानें खुलनी थीं लेकिन एलजी ने 15 नवम्बर की शर्त लगा दी कि अनऑथोराइज़्ड एरिया में दुकानें खुलने के लिए डीडीए की मंजूरी चाहिए. जबकि इससे पहले वहां दुकानें खुलने को एलजी अप्रूव करते रहे थे.
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Delhi Excise Policy row | Delhi Deputy CM Manish Sisodia writes to CBI, seeking an investigation into former Lieutenant Governor Anil Baijal's change of stance on the opening of liquor shops in unauthorised areas.
— ANI (@ANI) August 6, 2022
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पहले दुकानें जहां थी, वहां भी एलजी ने लगाया अडंगा
मनीष सिसोदिया ने कहा कि पुरानी पॉलिसी के तहत जहां अन ऑथोराइज़्ड एरिया में दुकानें थीं, वहां भी दुकानें नहीं खुलीं. उसके बाद वेंडर्स कोर्ट गए और कोर्ट ने सरकार को उनका लाइसेंस फीस लौटाने का आदेश दिया, इससे सरकार को हजारों करोड़ का नुकसान हुआ. ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि एलजी ने बिना सरकार से मशवरा किए, बिना कैबिनेट से सलाह के अपना स्टैंड बदला. इससे जान बूझकर कुछ दुकानदारों को फायदा पहुंचाया गया. इसलिए हम इसे सीबीआई को भेज रहे हैं. मनीष सिसोदियों ने कहा कि 48 घण्टे पहले फैसला क्यों बदला गया, किन दुकानदारों को फायदा हुआ और एलजी ने किसके दबाव में अपना फैसला पलटा, इन सबका जवाब मिलना चाहिए. इसके कारण 300-350 दुकानें नहीं खुलीं. जो जो यह डिसीजन ले रहे थे, सबकी जांच होनी चाहिए.
HIGHLIGHTS
- दिल्ली में शराब पॉलिसी को लेकर विवाद बढ़ा
- डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने लगाए गंभीर आरोप
- एलजी के दफ्तर में बदले गए पहले से लिए फैसले