नाम बदलने की सियासत एक बार से गरमा गई है. कभी शहर का नाम तो कभी सड़क का नाम बदला जा रहा है. उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इसके लिए नया कीर्तिमान बनाया है. उन्होंने मुसलमानों के नाम पर रखे गए शहरों और रेलवे स्टेशन का नाम बदल दिया है. लेकिन इस बार यह घटना दिल्ली में घटित हुई है. शिरोमणि अकाली दल के विधायक मनजिंदर सिंह सिरसा ने औरंगजेब लेन वाले बोर्ड पर कालिख पोत दी है. उन्होंने कहा कि औरंगजेब का इतिहास हिंदू और सिखों के खिलाफ है. मनजिंदर सिंह सिरसा ने हमारे संवाददाताओं से बात की.
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Shiromani Akali Dal (SAD) MLA Manjinder Singh Sirsa: Guru Tegh Bahadur sacrificed his life against Aurangzeb's attempts of forceful conversions. We oppose Aurangzeb's name on the streets and books, he was a murderer. Seeing his name on streets hurts our sentiments. https://t.co/hQUzsTXni4 pic.twitter.com/FGuhmo3ThF
— ANI (@ANI) December 1, 2019
बता दें कि 2015 में ही औरंगजेब रोड का नाम बदलकर भारत के पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम के नाम पर कर दिया गया था, लेकिन औरंगजेब लेन का नाम अभी तक नहीं बदला गया है. रविवार दोपहर 3 बजे के करीब दिल्ली से गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के चीफ और रजौरी गार्डन से विधायक मनजिंदर सिंह सिरसा में औरंगजेब लेन वाले बोर्ड पर कालिख पोत दी. सिरसा का मानना है कि औरंगजेब का इतिहास हिंदू और सिखों के खिलाफ है, लिहाजा उसके नाम की सड़क दिल्ली में नहीं होनी चाहिए.
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कालिख पोतने के बाद मनजिंदर सिंह सिरसा ने रोड से औरंगजेब का नाम हटाने की मांग की है. इसके साथ ही उन्होंने मांग की कि देश की सारी किताबों से औरंगजेब का नाम हटाया जाए. उन्होंने कहा कि गुरु तेग बहादुर ने जीवनभर औरंगजेब से लड़ते रहे. उन्होंने औरंगजेब के खिलाफ लड़ते-लड़ते अपने जीवन को बलिदान कर दिया. उन्होंने औरंगजेब के नाम की रोड का विरोध किया. साथ ही कहा कि सारी किताबों से औरंगजेब का नाम हटाया जाए. वह एक आक्रांता था. उसके नामों के रोड को देखकर भावनाओं को ठेस पहुंचती है.
औरंगजेब ने गुरु तेग बहादुर की थी हत्या
गुरु तेग बहादुर ने अपने धर्म की रक्षा के लिए हिंदुओं के जन्म की रक्षा के लिए अपना सर्वोच्च बलिदान दिया. औरंगजेब ने उनकी हत्या कर दी और उस देश में अगर आज भी औरंगजेब का नाम है तो इससे बुरा कुछ हो नहीं सकता. सड़क का नाम उस व्यक्ति के नाम पर रखा जाता है, जिसका नाम हम आगे बढ़ाना चाहे. औरंगजेब का नाम दिल्ली के सड़कों से ही नहीं, बल्कि हिंदुस्तान के वर्तमान से गायब हो जाना चाहिए और उसे सिर्फ एक कट्टरपंथी के तौर पर इतिहास में लिखना चाहिए.
अमित शाह से करूंगा मांग- मनजिंदर सिंह सिरसा
बतौर विधायक मैंने दिल्ली की विधानसभा में चीखकर कहा था कि राजधानी की सड़कों से औरंगजेब का नाम गायब हो जाना चाहिए. मुझे लगता है कि संसद के शीतकालीन सत्र में यह सवाल उठना चाहिए और सांसदों को खुद सोचना चाहिए कि औरंगजेब का नाम भारत के वर्तमान में क्यों लिखा जाता है? मैं इसके लिए गृह मंत्री अमित शाह और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भी बात करने की कोशिश करूंगा.
गुरु नानक के नाम पर भारत को ठगने का ना हो प्रयास
अगर इमरान खान सच्चे मुसलमान हैं, तो उन्हें इस बात का अहसास होना चाहिए कि धर्म की आड़ में आतंकवाद नहीं फैलाया जा सकता. उन्हें अपने रेल मंत्री से इस्तीफा मांग लेना चाहिए, क्योंकि गुरु नानक देव जी के नाम पर अगर पाकिस्तान साजिश करता है तो यह गुरु के नाम पर ठगने जैसा हुआ.