Delhi Fake Visa Factory: सितंबर महीने में दिल्ली पुलिस ने बड़ी कार्रवाई करते हुए तिलक नगर में वीजा फैक्ट्री का भंडाफोड़ किया था. यह कंपनी पिछले पांच साल से फर्जी वीजा बना रही थी. इस दौरान पुलिस ने 6 आरोपियों को गिरफ्तार किया था और तभी से कंपनी के मास्टमाइंड की तलाश कर रही थी.
फर्जी वीजा फैक्ट्री का मास्टमाइंड गिरफ्तार
आखिरकार वीजा फैक्ट्री का मास्टमाइंड पुलिस के हत्थे चढ़ ही गया. गुरुवार को आईजीआई एयरपोर्ट थाना पुलिस ने फर्जी वीजा की फैक्ट्री बनाने वाले जयदीप सिंह को गिरफ्तार कर ही लिया. जयदीप सिंह पिछले दो महीने से पुलिस से बचकर भाग रहा था. उसने अपने सभी मोबाइल नंबर भी बंद कर दिए थे और हरियाणा में किसी दूर के रिश्तेदार के यहां छिपकर रह रहा था.
2 सितंबर को तिलक नगर में पुलिस ने किया था भंडाफोड़
दरअसल, 2 सितंबर को दिल्ली एयरपोर्ट से पुलिस ने एक संदीप नाम के युवक को गिरफ्तार किया था, जो फर्जी वीजा लेकर रोम की यात्रा पर जा रहा था. स्वीडीश वीजा के साथ उसे गिरफ्तार किया गया और पूछताछ में उसने बताया कि एक एजेंट की मदद से उसने यह वीजा बनवाया था.
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गैंग अब तक बना चुकी है 1800-2000 फर्जी वीजा
इसी पूछताछ में पुलिस बलबीर सिंह तक पहुंच गई. बलबीर सिंह ने ही पुलिस को जयदीप सिंह के बारे में बताया. इसके बाद तिलक नगर में छापेमारी कर दिल्ली पुलिस ने फर्जी वीजा फैक्ट्री का खुलासा किया था. यह देख पुलिस भी हैरान रह गई थी. वीजा फैक्टेरी के खुलासे के बाद से जयदीप अपने परिवार के सदस्यों से भी कट गया और अपना मोबाइल फोन भी फेंक दिया. उसके बाद से ही वह पुलिस से छिपता चल रहा था.
100 करोड़ की कर चुके हैं कमाई
जयदीप सिंह शारीरिक रूप से लकवाग्रस्त है, लेकिन वह फोन के जरिए ही वीजा का रैकेट चलाता था और लोगों को अपने काम से जोड़ता था. फिलहाल, मास्टमाइंड की गिरफ्तारी के बाद कई और लोगों की गिरफ्तारी हो सकती है. इस फर्जी वीजा फैक्ट्री गैंग ने अब तक करीब 1800-2000 फर्जी वीजा बनाया है और एक वीजा बनाने के लिए ये लोग 8-10 लाख रुपये वसूलते हैं. इसका खुलासा खुद गैंग के एक सद्य ने पुलिस पूछताछ में की है. पुलिस की मानें तो यह गैंग अब तक 100 करोड़ से ज्यादा रुपये की कमाई कर चुकी है.