लोकसभा में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने दिल्ली नगर निगम संशोधन बिल पर कहा कि एक लाख बीस हजार कर्मचारी तीनों निगम में काम करते हैं. राष्ट्रपति भवन और संसद भवन सब दिल्ली में हैं. सिविक सेवाओं की जिम्मेदारी सारे कार्पोरेशन उठा पाएं ये जरूरी है. पंजाब डिस्ट्रिक्ट बोर्ड एक्ट के तहत ये एक्ट चल रहा है. कुछ सालों पहले तीन हिस्सों में नगर निगम का बंटवारा हुआ. दस साल के अनुभव और अनालिसिस के बाद ये निर्णय लिया गया है कि तीनों नगर निगमों को एक किया जाए. नगर निगम का बंटवारा राजनीतिक उद्देश्य के लिए किया गया था.
गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि अभी जो तीनों निगम के दस साल पूरा करने पर बातें सामने आई हैं. एक ही नीति पर तीन निगम चलते हैं, हर निगम के पास अपने-अपने अधिकार हैं. ढेर सारा असंतोष निगम के कार्मिकों में आया है. निगमों को बांटते वक्त संसाधनों को देखा नहीं गया. दिल्ली सरकार सौतेली मां की तरह तीनों नगर निगम के साथ बर्ताव कर रही है, इसलिए मैं ये बिल लेकर आया हूं
उन्होंने आगे कहा कि तीनों निगम एक हो, एक ही निगम पूरे दिल्ली की सेवा का ध्यान रखे ये अच्छा होगा. इससे पार्षदों की संख्या 272 से 250 हो जाएगी. विपक्ष ने इस बिल पर जो सवाल उठाए हैं वो राजनीतिक हैं. बिल पारित होने के बाद एमसीडी के हालात में काफी सुधार हो. चर्चा मेरिट के आधार पर होनी चाहिए.
Source : News Nation Bureau