दिल्ली की एक अदालत पूर्व केंद्रीय मंत्री एमजे अकबर द्वारा पत्रकार प्रिय रमानी के खिलाफ दायर आपराधिक मानहानि की शिकायत पर सोमवार को अंतिम सुनवाई शुरू करेगी. रमानी ने अकबर पर करीब 20 साल पहले उनका यौन उत्पीड़न करने आरोप लगाया था. रमानी ने कहा है कि अकबर के खिलाफ यौन उत्पीड़न के उनके आरोप "मी टू " मुहिम के मद्देनजर 2018 में लगाए गए थे और उन्होंने सच बोला था.
दस दिसंबर को रमानी ने अदालत से कहा था, "मैंने सच्चाई बयान की थी. मैंने नेक नियती में सच बोला है और मेरा सच नेक नियती के सवाल से जुड़ा है. हाल में नियुक्त अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट रविंद्र कुमार पांडे मुकदमे की सुनवाई सोमवार को शुरू करेंगे. नए न्यायाधीश होने की वजह से पक्षों को फिर से अंतिम दलीलें देनी होंगी. पिछली सुनवाई के दौरान, रमानी ने अकबर के इस दावे का खंडन किया था कि उनकी काफी प्रतिष्ठा है जो पत्रकार के आरोपों से धूमिल हुई है.
अकबर ने 15 अक्टूबर 2018 को रमानी के खिलाफ आपराधिक मानहानि की शिकायत दायर की थी. उन्होंने केंद्रीय मंत्री के पद से 17 अक्टूबर 2018 को इस्तीफा दे दिया था. अकबर ने "मीटू" अभियान के दौरान उनपर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाने वाली सभी महिलाओं के आरोपों को खारिज किया है. करीब 20 महिलाओं ने पत्रकार के तौर पर अकबर के मातहत काम करने के दौरान उनका यौन उत्पीड़न करने का अकबर पर आरोप लगाया है.
Source : News Nation Bureau