दिल्ली मेट्रो में किराया बढ़ने के बाद अब रोजमर्रा में ट्रेवल करने वाले यात्री मेट्रो से हटकर बसों की ओर रुख कर रहे हैं। बता दें कि खस्ता माली हालत का हवाला देते हुए दिल्ली मेट्रो ने कुछ दिनों पहले किराए में बढ़ोत्तरी की है। कुछ जगहों में इस किराए में लगभग दोगुनी बढ़ोत्तरी हुई है।
किराए की मार से मेट्रो में सफर कर रहे यात्रियों का बजट डगमगाने लगा है जिसकी वजह से लोग मेट्रो का सफर छोड़ बसों को प्राथमिकता दे रहे हैं।
नोएडा की एक कंपनी में काम करने वाले साकेश रतूरी रोजाना मेट्रो के जरिए पालम से नोएडा तक का सफर तय करते हैं। किराया बढ़ने के बाद उनका बजट इतना डगमगा गया कि उन्होंने मेट्रो छोड़ बस से ऑफिस पहुंचना शुरू कर दिया है।
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डीएमआरसी के आधिकारिक बयान के मुताबिक, 'किराए बढ़ाने पर लंबे समय से विचार किया जा रहा था। यदि अब किराया नहीं बढ़ाते तो काफी घाटा सहना पड़ता। बिजली और मरम्मत कार्यो में काफी खर्च हो रहा है। किराए में बढ़ोतरी ऑपरेशनल लागत को देखते हुए की गई है, जो कमाई से कहीं अधिक है।'
एक नजर में देखें तो डीएमआरसी की कुल आय वर्ष 2013-2014 की तुलना में 2014-2015 के बीच 11.7 फीसदी बढ़ी है, जबकि 2014-2015 से 2015-2016 के दौरान आय 21.6 फीसदी बढ़ी है। मतलब, आय में लगभग दोगुना इजाफा हुआ है। ऐसे में घाटे वाला तर्क कहां ठहरता है?
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इसके जवाब में डीएमआरसी के प्रवक्ता अनुज दयाल ने कहा, 'मेट्रो की कई परियोजनाएं हैं, जिनके लिए तत्काल फंड की जरूरत है। मेट्रो की संचालन लागत कमाई की तुलना में बहुत ज्यादा है। इसलिए किराया बढ़ाना जरूरी था, वरना मेट्रो को काफी घाटा उठाना पड़ सकता था।'
Source : IANS