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मुगल गार्डन जाकर करें फूलों की दुनिया की सैर, यहां जानें Entry, Timing समेत रूट की Details

15 एकड़ में फैले इस गार्डन में तमाम खूबसूरत फूलों के साथ जड़ी बूटियां और औषधियां भी लगाई जाती है. इसमें ट्यूलिप, मोगरा-मोतिया, रजनीगंधा, बेला, रात की रानी, जूही, चम्पा-चमेली जैसे कई फूल शामिल हैं.

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Vineeta Mandal
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मुगल गार्डन जाकर करें फूलों की दुनिया की सैर, यहां जानें Entry, Timing समेत रूट की Details

Mughal Gardens 2020( Photo Credit : (सांकेतिक चित्र))

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अगर आप दिल्ली की सैर करना चाहते हैं और किसी खूबसूरत और सुकून से भरे जगह पर दिन बिताना चाह रहे हैं तो मुगल गार्डन आपके लिए एक बेहतर विकल्प हो सकता है. बसंत ऋतु में हर साल फरवरी से मार्च तक आम जनता के लिए खोले जाने वाला यह गार्डन अपने आप में अनोखा है.  मुगल गार्डन को 5 फरवरी से खोल दिया गया है और यह 8 मार्च तक खुला रहेगा. राष्ट्रपति भवन की एक पुरानी परंपरा है. मुगल गार्डन अपने शांत वातावरण और हरियाली के लिए लोकप्रिय है.

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15 एकड़ में फैले इस गार्डन में तमाम खूबसूरत फूलों के साथ जड़ी बूटियां और औषधियां भी लगाई जाती है. इसमें ट्यूलिप, मोगरा-मोतिया, रजनीगंधा, बेला, रात की रानी, जूही, चम्पा-चमेली जैसे कई फूल शामिल हैं.

राष्‍ट्रपति भवन स्थित मुगल गार्डन दुनिया भर में फूलों के लिए मशहूर हैं. अगर आप भी मुगल गार्डेन की सैर करना चाहते हैं. तो जानिए एंट्री फीस, खुलने और बंद होने के समय से लेकर मुगल गार्डेन विजिट के लिए ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन का तरीका-

1. मुगल गार्डन का समय और बंद रहने का दिन-

समय (Timing)- सुबह 10 बजे से शाम 4 बजे तक

बंद का दिन (Closing timing)- सोमवार (Monday)

2. Mughal Garden Nearest metro station (मुगल गार्डन के नजदीक मेट्रो स्टेशन)-

मुगल गार्डन जाने के लिए आपको केंद्रिय सचिवालय (Central Secretariat) उतरना होगा. इसके बाद केंद्रिय टर्मिनल तक जाने वाली बस से मुगल गार्डन पहुंचा जा सकता हैं.

3. Mughal Gardens' entry fee/Ticket Price (मुगल गार्डन की एंट्री फीस/टिकट)-

मुगल गार्डन के लिए किसी भी तरह का टिकट नहीं लगता है. यहां घूमने के लिए आप ऑनलाइन भी फ्री में रजिस्ट्रेशन कर सकते हैं. 

ऑनलाइन बुकिंग https:// rashtrapatisachivalaya.gov.in वेबसाइट पर एक्सप्लोर एंड टूर लिंक पर जाकर की जा सकती है. इसके अलावा ऑनलाइन बुकिंग की लिंक वेबसाइट https://rb.nic.in/rbvisit/ visit_plan.aspx.पर भी उपलब्ध होगी.

4. ऑनलाइन बुकिंग पर इन चीजों की होगी जरूरत-

ऑनलाइन बुकिंग के दौरान मोबाइल नंबर देना जरूरी होगा और एक मोबाइल नंबर से केवल एक बार बुकिंग की अनुमति होगी. ऑनलाइन बुकिंग करने के बाद विजिटर को एंट्री पास( पेपर प्रिंट या मोबाइल पर) सरकारी पहचान पत्र के साथ ले जाना जरूरी होगा. बिना पहचान प्रत्र और एंट्री पास के प्रवेश नहीं मिलेगा.

5. मुगल गार्डन एंट्री गेट (Mugha Garden Entry Exit Gate Number)

मुगल गार्डन में चर्च रोड की तरफ से गेट नंबर 35 से एंट्री और एग्जिट की सुविधा दी गई है.

6. Things not take along (मुगल गार्डन में ये चीजें लेकर न जाएं)-

मुगल गार्डन में पानी की बोतल, ब्रीफकेस, हैंडबैग, लेडीज पर्स, कैमरा, रेडियो, ट्रांजिस्टर, डिब्बे, छाता, खाने पीने का सामान अंदर ले जाने की परमिशन नहीं मिलेगी. अगर ऐसी कोई भी चीज आपके पास होगी तो उसे एंट्री प्वाइंट पर जमा करना होगा.

7. अंदर मिलेंगी ये सुविधाएं-

मुगल गार्डन के अंदर पीने का पानी, टॉयलेट, प्राथमिक चिकित्सा/मेडिकल सुविधा, वरिष्ठ नागरिकों, महिलाओं और बच्चों के लिए रेस्ट रूम आगंतुक पथ (Visitor's path)पर उपलब्ध होंगे.

8. इस साल ये गुलाब होगा खास-

इस साल गार्डन में करीब 10 हजार ट्यूलि, 138 तरह के गुलाब और 70 तरह के 5000 मौसमी फूल है. इस बार ग्रेस द मोनाको नाम का गुलाब खास है.

क्या है मुगल गार्डन का इतिहास-

फूलों के आकर्षण के लिए जाने जाना वाला राष्ट्रपति भवन और 15 एकड़ में फैला मुगल गार्डन का इतिहास काफी दिलचस्प है. 1911 में जब अंग्रेजों ने अपनी राजधानी कोलकाता से दिल्ली बनाई तो रायसीना की पहाड़ी को काटकर वायसराय हाउस (मौजूदा राष्ट्रपति भवन) का निर्माण कराया था. जिसे ब्रिटिश वास्तुकार एडवर्ड लुटियंस ने डिजाइन किया था.

वायसराय हाउस में वायसराय के लिए फूलों का खास बाग बनाया गया था लेकिन तत्कालीन वायसराय लॉर्ड हार्डिंग की पत्नी लेडी हार्डिंग को यह बाग पसंद नहीं आया था. बाद में लुटियंस ने गार्डन में बदलाव करते हुए भारतीय संस्कृति और मुगलशैली की झलक पेश की थी. सन 1928 में यह मुगल गार्डन बनकर तैयार हुआ था.

मुगल गार्डन चार भागों में बंटा हुआ है. अंग्रेजों के जमाने में यह गार्डन सिर्फ खास लोगों के लिए दर्शनीय था लेकिन साल 1950 में गणतंत्र बनने के बाद वायसराय हाउस का नाम बदलकर राष्ट्रपति भवन किया गया और मुगल गार्डन को भी आम लोगों के लिए खोला गया था.

देश के पहले राष्ट्रपति डॉ राजेन्द्र प्रसाद ने आम लोगों के लिए इस गार्डन को खुलवाया था तब से आज तक हर साल बसंत ऋतु में इस गार्डन को आम लोगों के लिए खोला जाता है.

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