गणतंत्र दिवस (Republic Day) पर कुछ सैकड़ा किसानों के उपद्रव से सबक लेते हुए दिल्ली पुलिस बजट सत्र को लेकर खासी सतर्क है. खासकर यह देखते हुए कि केंद्र सरकार के नए कृषि कानून के विरोध में किसान आंदोलन (Farmers Agitation) और तेजी पकड़ रहा है. ऐसे में बजट के दौरान दिल्ली बॉर्डर पर सुरक्षा व्यवस्था को और मजबूत कर दिया गया है. किसान संसद की ओर कूच न कर दें इसके लिए कई लेयर की सुरक्षा बैरिकेडिंग की गई है. इसके साथ ही मेरठ एक्सप्रेस-वे को पूरी तरह से बंद कर दिया गया है.
किसानों का बढ़ रहा जमावड़ा
गौरतलब है कि किसान नेता राकेश टिकैट के रोने के बाद से सिंघु, टिकरी और गाजीपुर बॉर्डर पर लगातार किसानों के पहुंचने का सिलसिला जारी है. ऐसे में जब आज देश का आम बजट पेश किया जा रहा है, तो सुरक्षा एजेंसियां कोई गफलत उठाने के लिए तैयार नहीं है. सुरक्षा एजेंसियां पहले से काफी चौकन्नी हैं. ट्रैक्टर रैली के बाद ऐसी खबरें आईं थीं कि किसान बजट सत्र के दौरान संसद भवन का घेराव कर सकते हैं. ऐसे में पहले से ही दिल्ली के बॉर्डर पर सुरक्षा को और चुस्त कर दिया गया है.
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यहां की गई भारी बैरिकेडिंग
किसानों के रुख को देखते हुए गाजीपुर से अक्षरधाम होते हुए प्रगति मैदान की ओर जाने वाले रास्ते पर पत्थर से बैरिकेडिंग की गई है. वहीं सराय काले खां और प्रगति मैदान से अक्षरधाम और गाजीपुर जाने वाले मार्ग पर बसों को खड़ी कर बेरिकेडिंग की गई है. किसान आंदोलन को देखते हुए एनएच-9 को पूरी तरह से बंद कर दिया गया है. इससे पहले रविवार देर रात गाजीपुर बॉर्डर को पूरी तरह से सील कर दिया गया था. बता दें कि 26 जनवरी को किसानों ने ऐलान किया था कि अगर सरकार ने उनकी बात नहीं मानी तो वह 1 फरवरी को संसद कूच करेंगे. हालांकि 26 जनवरी को लाल किले में हुई हिंसा के बाद इसे स्थगित कर दिया गया था.
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हरियाणा सरकार भी सतर्क
किसान संगठनों की ओर से संसद मार्च स्थगित किए जाने के बाद भी दिल्ली पुलिस अपनी तरह से कोई ढिलाई नहीं करना चाहती है. बता दें कि किसान आंदोलन को देखते हुए हरियाणा सरकार ने पहले ही रोहतक, पानीपत, करनाल, कुरूक्षेत्र, हिसार, जिंद, भिवाणी, अंबाला, कैथल, झज्जर, फतेहाबाद, चरखी दादरी, सोनीपत और सिरसा में इंटरनेट और डोंगल सेवाओं पर रोक लगा दी थी.