शनिवार की सुबह दिल्ली के मुंडका से मनहूसियत भरी खबर आई. यहां हुए भीषण अग्निकांड में 27 लोगों की झुलसकर मौत हो गई. ये पहला मौका नहीं है, जब आग ने दिल्ली में तांडव मचाया हो. कभी उपहार कांड पूरी दुनिया में सुर्खियों में रहा था. हर बार सरकारें एक्शन लेने का दिखावा सरीखा करती हैं. फिर कुछ समय में सबकुछ सही हो जाता है. तमाम नियम-कानून बने हैं, लेकिन उनका पालन कैसे किया जाता है, उस तरफ ध्यान ही तब जाता है, जब कोई बड़ा हादसा हो जाता है. फिर कुछ समय बाद फिर से सबकुछ 'सही' हो जाता है और प्रशासन कुंभकर्णी नींद में सो जाता है...
दिल्ली के बड़े अग्निकांड
13 जून 1997- साउथ दिल्ली के ग्रीन पार्क स्थित उपहार सिनेमा में बॉर्डर फिल्म के शो के दौरान आग लग गई थी. उपहार सिनेमा आग त्रासदी में 59 जिंदगियां मौत की नींद सो गई थीं और 100 से अधिक घायल हुए थे.
31 मई 1999- लाल कुआं के एक रासायनिक बाजार में आग लगने से 57 की मौत और 27 घायल हुए थे.
20 नवंबर 2011- नंद नगरी इलाके में किन्नरों के सर्वधर्म सम्मेलन के कार्यक्रम के दौरान भीषण आग लग गई थी. अग्निकांड में 14 लोगों की जिंदा जलकर मौत हो गई थी जबकि 40 किन्नर गंभीर रूप से घायल हो गए थे.
8 दिसंबर 2019- रानी झांसी रोड स्थित अनाज मंडी में एक पेपर फैक्ट्री में आग लगने से 45 की मौत और 50 घायल हुए थे.
12 फरवरी 2019- करोल बाग में एक चार मंजिला होटल में आग लगने से 17 की मौत और 35 घायल हुए थे.
20 जनवरी 2018- बाहरी दिल्ली के बवाना में एक पटाखा फैक्ट्री में आग लगने से 10 महिलाओं सहित 17 की मौत हो गई थी.
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HIGHLIGHTS
- दिल्ली में एक और अग्निकांड
- मुंडका में गई 27 लोगों की जान
- फैक्ट्री से बाहर निकलने का मौका ही नहीं मिला
Source : News Nation Bureau