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25000 मजदूरों की रोजी-रोटी पर संकट, दिल्ली के CM अरविंद केजरीवाल से नाराज फैक्ट्री मालिक

सोसायटी के जनरल सेक्रेट्री सुनील चड्ढा ने कहा कि मुंडका इंडस्ट्रियल एरिया में 600 यूनिट काम कर रही है.

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Sunil Chaurasia
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25000 मजदूरों की रोजी-रोटी पर संकट, दिल्ली के CM अरविंद केजरीवाल से नाराज फैक्ट्री मालिक
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प्रदूषण को लेकर देश की राजधानी दिल्ली में कई तरह के उपाय किए जा रहे हैं. प्रदूषण पर रोक लगाने के लिए कई बार कई दिनों के लिए सैकड़ों फैक्ट्रियां बंद कर दी जाती हैं. इसके साथ ही कंस्ट्रक्शन के कामों पर भी रोक लगा दी जा रही है. काम बंद होने की वजह से सैकड़ों करोड़ों का नुकसान होता गया, लेकिन रात के अंधेरे में दिल्ली के कई इलाकों में लोग कूड़े-कबाड़ में आग लगा देते हैं. जिसकी वजह से प्रदूषण में कमी नहीं आ पाती है.

मुंडका गांव के पास स्थित मुंडका इंडस्ट्रियल एरिया वेलफेयर सोसायटी का भी यही आरोप है कि प्रदूषण के नाम पर इस बार भी 3 दिन के लिए (सोमवार, मंगलवार, बुधवार) 600 फैक्ट्रियों में काम बंद कर दिया गया. इससे करीब ढाई सौ करोड़ का नुकसान हुआ है. मुंडका इंडस्ट्रियल एरिया के आसपास के इलाकों में अभी भी रात के अंधेरे में प्लास्टिक के कबाड़ में आग लगा दी जाती है. इसकी रोकथाम के लिए सरकार कोई ध्यान नहीं दे रही है.

सोसायटी के जनरल सेक्रेट्री सुनील चड्ढा ने कहा कि मुंडका इंडस्ट्रियल एरिया में 600 यूनिट काम कर रही है. जिसमें करीब 25000 वर्कर हैं, जो दिल्ली और देश के दूसरे हिस्सों से आकर यहां काम कर अपने परिवार का गुजर बसर रहे हैं. ऐसे में यहां काम करने वाले लोगों के परिवार के सामने रोजी-रोटी का घोर संकट बन गया है. इंडस्ट्रियल एरिया में काम कर रहे वर्कर का कहना है कि 2014 में ही पूरे क्षेत्र में पीएनजी की सप्लाई चालू करवाई थी. जिससे वातावरण साफ करने में अहम योगदान हो.

मुंडका इंडस्ट्रियल एरिया में आने वाले फैक्ट्री में प्रदूषण नियंत्रण यंत्र भी लगवाए गए हैं. हम लोग कई सौ किलोमीटर दूर यहां आकर काम करके गुज़र बसर कर रहे हैं, लेकिन अब डर लगा रहता है कि कल क्या होगा?

वाइस प्रेजिडेंट सुधीर गुप्ता ने बताया कि डीएसआईडीसी के साथ सड़कों के क्षेत्र में पूर्ण विकास के लिए हमने एमओयू साइन किया. इतना ही नहीं मुंडका इंडस्ट्रियल एरिया में चलने वाली यूनिट से प्रदूषण न हो इसके लिए भी काफी सतर्क रहते हैं. लेकिन फिर भी उनकी तरफ किसी का ध्यान नहीं है. जबकि सरकार को करोड़ों के राजस्व का फायदा होता है. बावजूद इसके मुंडका इंडस्ट्रियल एरिया से जुड़े हुए 25000 परिवार की तरफ कोई ध्यान नहीं दे रहा है.

Source : News Nation Bureau

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