मुजफ्फरपुर के आश्रय गृह में लड़कियों से दुष्कर्म के मामले में दिल्ली हाईकोर्ट ने बुधवार को मुख्य आरोपी ब्रजेश ठाकुर की याचिका पर सीबीआई से जवाब मांगा ठाकुर ने खुद को दोषी करार दिए जाने को चुनौती दी है. न्यायमूर्ति विपिन सांघी और रजनीश भटनागर की खंडपीठ ने ठाकुर की याचिका पर सुनवाई करते हुए केंद्रीय जांच ब्यूरो को नोटिस जारी किया. ठाकुर ने 11 फरवरी को निचली अदालत द्वारा पारित उस आदेश को दरकिनार करने की मांग की है, जिसमें उसे दोषी करार देने और उम्रकैद की सजा देने का निर्देश दिया गया है.
अदालत इस मामले की सुनवाई अब 25 अगस्त को करेगी. ठाकुर मुजफ्फरपुर जिले के आश्रय गृह में रहने वाली नाबालिग लड़कियों सहित कई महिलाओं के यौन शोषण व शारीरिक प्रताड़ना के मामले का मुख्य आरोपी है. उसका कहना है कि पहले यह तय जाना चाहिए कि आरोपी जनन-क्षमतावान है और यह अपराध करने में सक्षम है या नहीं.
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ठाकुर की दलील है कि निचली अदालत ने फैसला देने में जल्दबाजी की, जो संविधान के अनुच्छेद 21 का उल्लंघन है.
दिल्ली हाईकोर्ट ने इसी साल फरवरी में उसे भारतीय दंड संहिता की धारा 376 (दुष्कर्म) व 376डी (सामूहिक दुष्कर्म) सहित अन्य धाराओं के तहत दोषी पाया था और जीवन का बाकी बचा समय जेल में गुजारने की सजा सुनाई थी.
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ठाकुर बिहार पीपुल्स पार्टी का विधायक रहा है. उसे पॉक्सो एक्ट की धारा 6 और 17 तथा बाल न्याय अधिनियम की धारा 75 के तहत भी दोषी पाया गया है. हालांकि इस मामले के एक आरोपी को बरी किया जा चुका है.
Source : News Nation Bureau