दिल्ली के उप-राज्यपाल नजीब जंग के इस्तीफ़े को लेकर राजनीतिक सरगर्मी तेज़ हो रही है। कांग्रेस ने आरोप लगाते हुए कहा है कि उप-राज्यपाल पर इस्तीफ़ा देने के लिए जान बुझ कर दबाव बनाया गया।
दिल्ली प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय माकन ने कहा, 'दिल्ली सरकार की फाइलों की जांच के लिए गठित शुंगलू कमेटी की रिपोर्ट सार्वजनिक न हो, इसलिए नजीब जंग को इस्तीफा देने के लिए मजबूर किया गया है।'
उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार को इस बारे में स्थिति स्पष्ट करनी चाहिए और ये बताना चाहिए कि अब तक इस रिपोर्ट पर सीबीआइ की जांच क्यों नहीं कराई गई? उन्हें जानकारी मिली है कि उपराज्यपाल नजीब जंग 19 दिसंबर को शुंगलू कमेटी की रिपोर्ट को सार्वजनिक करने वाले थे, लेकिन उन्हें ऐसा करने से रोक दिया गया।
माकन ने कहा, भाजपा और 'आप' दोनों के बीच एक समझौता हुआ है, जिसके तहत ऐसा किया गया। शुंगलू कमेटी ने 200 फाइलों की एक रिपोर्ट तैयार की है जिसमें आम आदमी पार्टी की सभी गड़बड़ियों की जानकारी है। यदि शुंगलू कमेटी की रिपोर्ट सार्वजनिक हो जाती तो दिल्ली सरकार की गड़बड़िया उजागर हो जातीं।
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इससे गोवा और पंजाब विधानसभा चुनाव में 'आप' को नुकसान होता। भाजपा नहीं चाहती है कि किसी भी कीमत पर गोवा और पंजाब में काग्रेस की सरकार बने, इसलिए शुंगलू कमेटी की रिपोर्ट सार्वजनिक नहीं की जा रही है।
उन्होंने कहा कि राहुल गांधी ने दस्तावेजों के आधार पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर आरोप लगाया है। इसकी सच्चाई बताने के लिए 27 व 28 दिसंबर को कांग्रेस कार्यकर्ता ब्लाक स्तर पर भंडाफोड़ अभियान चलाएंगे। 24 दिसंबर को जंतर-मंतर से संसद तक मार्च निकालकर राहुल के आरोप पर प्रधानमंत्री से जवाब मांगने के साथ ही नोटबंदी के कारण दिल्ली से हो रहे मजदूरों के पलायन को रोकने की मांग की जाएगी।
Source : News Nation Bureau