मुंबई ड्रग्स केस (Mumbai Drugs Case) की जांच कर रहे नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (NCB) के अधिकारी समीर वानखेड़े (Sameer Wankhede) ने अपने उपर लगे जबरन वसूली के आरोपों को बेबुनियाद बताया है. इसके साथ ही समीर वानखेड़े ने सोमवार 5 अक्टूबर की रात को दिल्ली पहुंचे. उन्होंने कहा कि उन्हें यहां किसी ने नहीं बुलाया वे किसी और वजह से दिल्ली आए हैं. वानखेड़े ने आगे कहा कि मुझे बुलाया नहीं गया है. मैं यहां एक अलग मकसद से आया हूं. मेरे खिलाफ सारे आरोप निराधार हैं. आपको बता दें इस मामले के एक गवाह प्रभाकर सैल (Prabhakar Sail) ने मीडिया से बताया कि एनसीबी के एक अधिकारी और फरार गवाह के पी गोसावी सहित अन्य व्यक्तियों ने आरोपी को नशीला पदार्थ (Alcoholic Substance) मामले में छोड़ने के लिए 25 करोड़ रुपये की मांग की गई थी. प्रभाकर ने दावा किया था कि वह जल्द ही सबूत भी पेश करेगा.
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प्रभाकर सैल, जो इस मामले का स्वतंत्र गवाह है उसने दावा किया था कि ड्रग्स केस में गिरफ्तार आरोपी को तीन अक्टूबर को एनसीबी कार्यालय (NCB Office) लाने के बाद उन्होंने गोसावी को फोन पर सैम डिसूजा (Sam D'Souza) नामक एक व्यक्ति से 25 करोड़ रुपये की मांग करने और मामला 18 करोड़ रुपये पर तय करने के बारे में बात करते हुए सुना था क्योंकि उन्हें आठ करोड़ रुपये समीर वानखेड़े (Sameer Wankhede) को देने थे.
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मालूम हो कि एनसीबी (NCB) और समीर वानखेड़े ने मुंबई की एक विशेष अदालत में दाखिल हलफनामे में उनके खिलाफ लगे सभी आरोपों से इंकार किया है, और दावा किया है कि उन पर लगातार गिरफ्तारी का खतरा बना हुआ है क्योंकि ईमानदार एवं निष्पक्ष जांच कुछ निहित स्वार्थों के अनुकूल नहीं है. एनसीबी ने हलफनामे में अनुरोध किया है कि मामले के सबूतों के साथ छेड़छाड़ और जांच प्रभावित नहीं होनी चाहिए.