दिल्ली विधानसभा चुनावों के दौरान भाजपा के खराब प्रदर्शन के मद्देनजर पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष मनोज तिवारी ने बुधवार को कहा कि उन्होंने न तो पद छोड़ने की पेशकश की है और न ही उन्हें पद से इस्तीफा देने के लिए कहा गया है. हालांकि, सूत्रों ने दावा किया कि तिवारी ने पार्टी के एक शीर्ष पदाधिकारी से संपर्क किया और भाजपा को आम आदमी पार्टी (आप) के हाथों मिली करारी हार के चलते दिल्ली इकाई प्रमुख के रूप में पद छोड़ने की पेशकश की. तिवारी ने संवाददाताओं से कहा, न तो मुझे इस्तीफा देने के लिए कहा गया है और न ही मैंने अपना इस्तीफा दिया है.
दिल्ली विधानसभा चुनाव परिणामों की घोषणा के बाद तिवारी ने मंगलवार को एक संवाददाता सम्मेलन में कहा था कि वह दिल्ली भाजपा प्रमुख के रूप में काम जारी रखेंगे या नहीं, यह पार्टी का आंतरिक मामला है. भाजपा करीब दो दशकों बाद राष्ट्रीय राजधानी में सत्ता में वापसी की उम्मीद कर रही थी, हालांकि आप ने 70 सदस्यों वाली विधानसभा में पार्टी को आठ सीटों तक सीमित कर दिया. आप को 62 सीटों पर जीत हासिल हुई. तिवारी को नवंबर 2016 में दिल्ली भाजपा का अध्यक्ष नियुक्त किया गया था, और वह अपना तीन साल का कार्यकाल पूरा कर चुके हैं. पिछले साल पार्टी के संगठनात्मक चुनावों को विधानसभा चुनावों के कारण स्थगित कर दिया गया था.
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इसके पहले मीडिया में सूत्रों के हवाले से ये खबरें भी चल रहीं थीं कि दिल्ली विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी से करारी शिकस्त झेलने के बाद बुधवार को भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष मनोज तिवारी ने इस्तीफे की पेशकश की थी और बीजेपी आलाकमान ने इसे खारिज कर उन्हें अध्यक्ष पद पर बने रहने को कहा है. मंगलवार को दिल्ली विधानसभा चुनाव के नतीजे आने के बाद मनोज तिवारी ने दिल्ली की जनता का धन्यावाद किया और कहा कि उनके कार्यकर्ताओं ने दिल्ली विधानसभा चुनाव में खूब मेहनत की है इसके लिए मैं दिल्ली के मतदाताओं का धन्यवाद करता हूं.
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मनोज तिवारी ने कहा कि आपकी मेहनत के बाद भी जब निर्णय आपके पक्ष नहीं आता है तो आप निराश हो जाते हैं लेकिन ऐसे समय में भी आपको धैर्य रखना चाहिए ताकि आप अपने कार्यकर्ताओं को निराश न होने दें उनके अंदर लगातार जोश भरने के लिए पार्टी के मुखिया को लगातार उनका उत्साह वर्धन करते रहना चाहिए