राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में स्वतंत्रता दिवस के मौके पर झंडा फहराने को लेकर विवाद खड़ा हो गया है. राज्य के सीएम अरविंद केजरीवाल इन दिनों तिहाड़ जेल में है. ऐसे में उन्होंने मंत्री आतिशी को झंडा फहराने के लिए चुना. मगर इस पर उपराज्यपाल ने रोक लगा दी है. इससे थोड़ी देर बाद LG ने 15 अगस्त को राष्ट्रीय ध्वज फहराने के लिए दिल्ली के गृह मंत्री कैलाश गहलोत को चुना. आपको बता दें कि मंगलवार को दिल्ली सरकार में मंत्री आतिशी ने ये आरोप लगाया था कि उन्हें झंडा फहराने से रोका जा रहा है.
उनका कहना था कि दिल्ली की चुनी हुई सरकार से राष्ट्रीय ध्वज फहराने का अधिकार छीना जा रहा है. उन्होंने कहा कि एलजी स्वतंत्रता दिवस पर राष्ट्रीय ध्वज को फहराना चाहते हैं. मगर राष्ट्रीय ध्वज फहराना चुनी सरकार का अधिकार है.
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आतिशी ने आगे बोलीं कि 15 अगस्त का हमारे लिए बहुत खास है. हम देश की आजादी का जश्न मनाने और आम लोगों की आवाज को बुलंदकर करने को लेकर तिरंगा झंडा फहराते हैं. 1947 से पहले देश गुलामी की जंजीर में जकड़ा था. अंग्रेज अपनी मर्जी से यहां पर शासन चलाया करते थे. आज दिल्ली की चुनी हुई सरकार को झंडा फहराने के अधिकार से वंचिन किया जा रहा है. ऐसा लगता है कि दिल्ली में कोई नए वायसराय आ गए हैं.
केजरीवाल ने पत्र लिखा और आदेश दिया
आतिशी के अनुसार, "दिल्ली में स्वतंत्रता दिवस पर चुनी सरकार और सीएम को झंडा फहराने का हक होता है. मगर सीएम अभी न्यायिक हिरासत में हैं, ऐसे में उन्होंने मंत्री होने के नाते मुझे झंडा फहराने का मौका दिया. इसके लिए सीएम अरविंद केजरीवाल ने पत्र लिखा और आदेश दिया कि 15 अगस्त को मंत्री होने के नाते मैं झंडा फहराऊं. अधिकारियों ने इस आदेश को मानने से मना कर दिया.
आपको बता दें कि CM केजरीवाल की ओर से जेल से ये आदेश दिया कि आतिशी ही झंडा फहराएंगी. मगर LG ने आतिशी के नाम पर मंजूरी नहीं दी. अब कैलाश गहलोत को चुना गया है. आपको बता दें कि तिहाड़ जेल में सीएम अरविंद केजरीवाल से मुलाकात के बाद दिल्ली सरकार में कैबिनेट मंत्री गोपाल राय ने ये सूचना दी थी कि आतिशी झंडा फहराएंगी.