नोएडा प्राधिकरण ने अपने लगभग 900 कर्मचारियों को एक महत्वपूर्ण दिशा-निर्देश जारी किया है, जिसमें उन्हें 2 अक्टूबर तक अपनी चल और अचल संपत्ति का विवरण मानव संपदा पोर्टल पर अपलोड करने की अंतिम तिथि दी गई है. अगर कर्मचारी इस समय सीमा तक अपना संपत्ति विवरण जमा नहीं करते, तो उनका सितंबर का वेतन रोक दिया जाएगा. साथ ही प्रमोशन पर भी बुरा प्रभाव पड़ेगा.
यह आदेश अगस्त 2023 में शुरू की गई राज्य सरकार की व्यापक पहल का हिस्सा है, जिसका मुख्य उद्देश्य भ्रष्टाचार पर नियंत्रण और सरकारी कार्यों में पारदर्शिता को बढ़ावा देना है. उत्तर प्रदेश सरकार ने निर्देश जारी किया है कि, सभी सरकारी कर्मचारियों को 31 दिसंबर 2023 तक अपनी संपत्ति का विवरण पोर्टल पर जमा करना अनिवार्य है. इस पहल के अंतर्गत, विवरण न जमा करने वाले कर्मचारियों की पदोन्नति पर भी असर पड़ेगा; 1 जनवरी 2024 तक अनुपालन न करने पर विभागीय चयन समिति की बैठकों में उनकी पदोन्नति पर विचार नहीं किया जाएगा.
बढ़ाई गई थी समय सीमा
पहले इस नियम के अनुपालन की समय सीमा 31 अगस्त निर्धारित की गई थी. हालांकि, अनुपालन में कमी के चलते अगस्त के वेतन की रोकथाम की गई थी. इसके बाद, कर्मचारियों को कुछ राहत देने के लिए समय सीमा को 2 अक्टूबर तक बढ़ा दिया गया है. इसके बावजूद, अब भी कई कर्मचारी इस निर्देश का पालन नहीं कर रहे हैं.
रिमाइंडर भी जारी किए गए थे – 6 जून, 11 जुलाई और 17 अगस्त को. फिर भी, पोर्टल पर पंजीकृत 26% कर्मचारियों ने अभी तक अपनी संपत्ति का विवरण अपलोड नहीं किया है. इसके अलावा, कुछ कर्मचारियों ने गलती से वर्ष 2023 के बजाय वर्ष 2024 का विवरण दर्ज कर दिया है.
तुरंत अपलोड करें अपनी संपत्ति का विवरण
नोएडा एंप्लाइज एसोसिएशन के अध्यक्ष चौधरी राज कुमार सिंह ने कर्मचारियों से आग्रह किया है कि, वे वेतन वितरण में देरी से बचने के लिए तुरंत अपनी संपत्ति का विवरण मानव संपदा पोर्टल पर अपलोड करें. यह कदम न केवल सरकारी पारदर्शिता को बढ़ावा देगा, बल्कि कर्मचारियों के प्रमोश और सैलरी पर भी सकारात्मक प्रभाव डालेगा. एसोसिएशन के अध्यक्ष राज कुमार सिंह ने बताया कि अगले 10 दिन के भीतर यहां के सभी कर्मचारी चल-अचल संपत्ति का ब्योरा संपदा पोर्टल पर अपलोड कर देंगे. उन्होंने कहा कि इससे ना केवल भ्रष्टाचार पर रोक लगेगी. बल्कि सरकारी कामों में पारदर्शिता भी आएगी.