दिल्ली की केजरीवाल सरकार ने शराब माफिया पर शिकंजा कसने पर बड़ा निर्णय किया है. दिल्ली सरकार ने एक्साइज पॉलिसी में बड़ा बदलाव किया है और शराब माफिया पर शिकंजा कसने के लिए कई तरह के प्रतिबंध लगाया है. बता दें कि एक्साइज पॉलिसी को लेकर एक एक्सपर्ट कमेटी बनाई गई थी और उस पर जनता से राय मांगी गई थी. करीब 14,700 लोगों ने इस पर अपनी राय दिया था. आज ग्रुप ऑफ मिनिस्टर्स की रिकमेंडेशन को कैबिनेट में चर्चा की गयी और उसे कैबिनेट के तरफ से स्वीकार कर लिया गया.
दिल्ली में एक्साइज के दृश्टिकोण से दो तरह के क्षेत्र - ओवर सर्वड या अंडर सर्वड हैं. लगभग 272 वार्ड में से 80 में एक भी शॉप नहीं हैं, वहीं 45 में सिर्फ एक दुकान और 158 वार्ड में एक भी दुकान नहीं है या एक्का दुक्का दुकान है. सिर्फ केवल 8 परसेंट नॉर्मल सर्वड है. वहीं 54 वार्ड में 6 से 10 दुकानें हैं. बता दें कि इस आसमान शराब की दुकानों के चलते एक तरफ अवैध कारोबार चल रहे हैं, तो दूसरी तरफ एक एक गली में दो-दो तीन-तीन दुकानें हैं.
बता दें कि दिल्ली में 50 फीसदी शराब की दुकानें केवल 45 वार्डस में हैं. शराब से आने वाले रेवेन्यू की बात करें तो 189 दुकानों से 46 वार्ड से 50 फीसदी रेवेन्यू आ रहा है. एक्ससाइज डिपार्टमेंट की सख्ती से इसे कंट्रोल में लाने की कोशिश की जा रही है. दिल्ली में पीने के लिए कानूनी उम्र अब 21 वर्ष होगी. दिल्ली में कोई सरकारी शराब स्टोर नहीं होगा. राष्ट्रीय राजधानी में कोई नई शराब की दुकान नहीं खोली जाएगी. दिल्ली में 2 साल में करीब 7 लाख 9 हजार बॉटल अवैध शराब पकड़ी गई है. अवैध शराब को ले कर टोटल 1864 एफआईआर हुई और1948 लोग अरेस्ट हुए हैं. एक अनुमान के मुताबिक दिल्ली में दो हजार दुकानें अवैध तरिके से चलती हैं.
राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में 2016 से शराब की एक भी नई दुकान नहीं खुली है. दिल्ली में करीब 60 फीसदी दुकानें सरकारी है और 40 फीसदी प्राईवेट दुकानों से इनकी तुलना में ज्यादा रेवेन्यू आ रहा है. नयी आबकारी नीति के तहत किसी भी शराब की दुकान के लिए 500 एस्क्वायर फुट का एरिया होना अनिवार्य है. वहीं दुकान मुख्य सड़क की तरफ एंट्री नहीं होनी चाहिए, साथ ही बाहर से शराब नहीं बेचा जा सकेगा। दुकान में जो भी शराब बेची जाएगी उसका स्टैंडर्ड अंतरराष्ट्रीय स्तर का होगा.
दिल्ली में शराब की बिक्री का उम्र नोएडा और उत्तर प्रदेश के बराबर होगा. जहां शराब परोसी जाती है, उस रेस्टोरेंट में 21 साल से कम उम्र के बच्चे के प्रवेश की अनुमति नहीं होगी. हॉस्पिटलिटी सेक्टर की मांग थी कि बहुत लाइसेंस हैं, जिनकी जरूरत नहीं है तो उन्हें फायदा पहुंचाते हुए उन्हें मर्ज किया जा रहा है या खत्म किया जा रहा है. इससे 20 फीसदी रेवेन्यू एक साथ बढ़ेगा, अब तक 5 फीसदी रेवेन्यू बढ़ता था.
Source : News Nation Bureau