दिल्ली के चर्चित निर्भया केस के आरोपी विनय शर्मा ने राष्ट्रपति के समक्ष अपनी दया याचिका को तत्काल वापस लेने की याचिका दायर की है. उसका दावा है कि केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा राष्ट्रपति को भेजी गई दया याचिका पर उसके हस्ताक्षर नहीं थे. अब इस मामले में दोबारा दया याचिका दाखिल किए जाने की संभावना है. शुक्रवार को ही इस मामले में गृह मंत्रालय ने आरोपी की दया याचिका खारिज कर राष्ट्रपति को रिपोर्ट भेजी थी. गृह मंत्रालय द्वारा राष्ट्रपति को दया याचिका खारिज किए जाने की अर्जी के बाद अब निर्भया के परिजन भी राष्ट्रपति भवन पहुंचे हैं. उन्होंने राष्ट्रपति से आरोपी की फांसी की दया याचिका रद्द किए जाने की मांग की है.
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अभी तय नहीं है फांसी की तारीख
हालांकि इस मामले में निर्भया के गुनाहगार कानूनी पेंच-ओ-खम का फायदा उठा फांसी के फंदे से अब तक बचे हुए हैं. ऐसे में निर्भया के अभिभावकों के पटियाला हाउस कोर्ट पहुंचने पर तिहाड़ जेल प्रशासन और बाद में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने मामले में अपनी प्रतिक्रिया अदालत को भेजी. अब इसी मामले में पटियाला हाउस कोर्ट में 13 दिसंबर को सुनवाई होनी है. गौरतलब है कि अभी तक राज्य सरकार ने फांसी की तारीख भी मुकर्रर नहीं की है. फांसी की तारीख तय होने के बाद ही अदालत डेथ वारंट जारी करेगी.
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निर्भया के गुनाहगार फांसी के फंदे के नजदीक
गौरतलब है कि निर्भया के चार गुनाहगारों में से एक विनय शर्मा ने राष्ट्रपति के समक्ष दया याचिका दायर की थी. इसके पहले फास्ट ट्रैक कोर्ट ने निर्भया के गुनाहगारों को फांसी की सजा सुनाई थी, जिसे हाई कोर्ट समेत सुप्रीम कोर्ट ने भी बरकरार रखा था. यह अलग बात है कि निर्भया के गुनाहगारों में से एक विनय ने राष्ट्रपति के समक्ष दया याचिका दायर की थी. शेष तीनों आरोपियों ने ना तो क्यूरेटिव पिटीशन दायर की और न ही मर्सी पिटीशन फाइल की थी.
Source : न्यूज स्टेट ब्यूरो