निर्भया गैंग रेप मामले में दिल्ली सरकार ने दोषी मुकेश का दया याचिका LG अनिल बैजल के पास भेज दी है. इस मामले में दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि दिल्ली सरकार मामले में कोई कोताही नहीं बरतेगी. इससे पहले दिल्ली हाईकोर्ट में सुनवाई के दौरान दिल्ली सरकार के वकील ने कहा कि 22 जनवरी को दोषियों को फांसी नहीं दी जा सकती है.
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निर्भया के वकील जितेंद्र झा ने अदालत में कहा कि दोषियों की ओर से जानबूझकर मामला लटकाने का खामियाजा पीड़ित परिवार को भुगतना पड़ रहा है, जो हर रोज निचली अदालत से लेकर SC तक चक्कर लगा रहे है. कोर्ट को इससे निपटने के लिए कुछ दिशा निर्देश बनाने चाहिए. इस पर जस्टिस मनमोहन ने कहा कि नियम कानूनी राहत के विकल्प के लिए वाजिब समयसीमा की मांग कर सकते है. आपका समय 2017 से शुरू होता है, आपने तब से दया याचिका क्यों नहीं दायर की. आप दूसरे दोषियों का हवाला देकर खुद के केस को और नहीं लटका सकते.
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हर दोषी का अलग केस है, हरेक मामले में विशेष परिस्थितियों के मद्देनजर राहत की अपील पर विचार होता है. रेबेका जॉन ने कहा कि वो डेथ वारंट पर रोक लगवाने के लिए ट्रायल कोर्ट जाने की इजाजत के साथ दिल्ली हाईकोर्ट से अर्जी वापस लेना चाहती है. इस दरमियान इस कोर्ट से अंतरिम राहत चाहते है. इससे पहले निर्भया केस मामले में बुधवार को सुनवाई के दौरान दिल्ली सरकार के वकीन ने कोर्ट में कहा कि यह संभव नहीं है कि 22 तारीख को दोषियों को फांसी दे दी जाए. इससे पहले दोषियों के वकीलों ने भी दया याचिका खारिज होने के बाद फांसी के लिए 14 दिन का समय दिए जाने की मांग की.
Source : News Nation Bureau