निर्भया केस: फांसी से पहले पवन जल्लाद ने तिहाड़ में किया रिहर्सल

निर्भया केस के चारों दोषियों को 20 मार्च को फांसी दी जानी है. दोषियों को फांसी पर चढ़ाए जाने से पहले पवन जल्लाद तिहाड़ पहुंच चुका है. बुधवार सुबह दोषियों के डमी के साथ फांसी का रिर्हसल किया है.

author-image
Kuldeep Singh
एडिट
New Update
निर्भया केस

निर्भया केस( Photo Credit : न्यूज स्टेट)

Advertisment

निर्भया के दोषियों को फांसी पर चढ़ाए जाने का काउंटडाउन शुरू हो चुका है. सभी दोषियों को 20 मार्च को सुबह 5.30 बजे फांसी पर चढ़ाया जाएगा. तिहाड़ जेल में इसकी तैयारी शुरु हो चुकी है. बुधवार सुबह तिहाड़ जेल में पवन जल्लाद ने जेल प्रशासन के अधिकारियों की मौजूदगी में दोषियों के डमी को फांसी पर लटकाने का रिहर्सल किया. पवन जल्लाद 17 मार्च को ही तिहाड़ पहुंचा था.

फांसी से ठीक पहले दोषियों के वकील एपी सिंह ने हाईकोर्ट में अपनी दलील दी. दिल्ली हाईकोर्ट ने फिलहाल इसे खारिज कर दिया.

यह भी पढ़ेंः निर्भया के दोषियों का नया पैंतरा, अक्षय ने फिर लगाई दया याचिका तो पवन ने किया ये काम

निर्भया गैंगरेप केस को दोषी अक्षय, मुकेश, पवन और विनय को फांसी पर चढ़ाए जाने के लिए 20 मार्च का डेथ वारंट जारी किया जा चुका है. चूंकि सभी दोषियों के पास कानूनी विकल्प खत्म हो चुके हैं, ऐसे में उन्हें राहत मिलने की कोई संभावना नहीं है. इससे पहले दोषियों को फांसी देने के लिए 22 जनवरी, 1 फरवरी और 3 मार्च का डेथ वारंट कानूनी पेचीदगियों के चलते रद्द करना पड़ा था.

यह भी पढ़ेंः बेंगलुरू में हाई वोल्‍टेज ड्रामा, बागी विधायकों को मनाने पहुंचे दिग्‍विजय सिंह को पुलिस ने हिरासत में लिया

हालांकि दोषी अभी भी अपनी फांसी को टालने के लिए कानूनी हथकंडे अपना रहे हैं. दोषी अक्षय की पत्नी ने फैमिली कोर्ट में तलाक की अर्जी डाली है. उसका कहना है कि वह तलाकशुदा होकर जीना नहीं चाहती है. इसलिए कोर्ट उसका तलाक कराए. वहीं सभी दोषियों ने इन दोषियों ने अब अंतरराष्ट्रीय न्यायालय (ICJ) का दरवाजा खटखटा दिया है.

वहीं अक्षय (Akshay) ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को संबोधित करते हुए जेल प्रशासन को अपनी दया याचिका सौंपी है. इस दया याचिका को दिल्ली सरकार के जरिये केंद्रीय गृह मंत्रालय को भेजा जाएगा. वहीं पवन कुमार गुप्ता ने सुप्रीम कोर्ट में एक और क्यूरेटिव याचिका दायर की है. इसमें दावा किया गया कि अपराध करने के समय वह नाबालिग था और इसलिए उसकी मौत की सजा को उम्रकैद में बदला जाना चाहिए.

Source : News Nation Bureau

Nirbhaya Case Pawan Jallad
Advertisment
Advertisment
Advertisment