निर्भया गैंग रेप केस के दोषी अक्षय ठाकुर की पत्नी ने उसे फांसी से बचाने के लिए एक कानूनी चाल चली है. उसने फैमिली कोर्ट में अर्जी देकर कहा है कि वह विधवा बनकर नहीं रहना चाहती है. इसलिए उसे तलाक दे दिया जाए. जानकारी के मुताबिक अक्षय की पत्नी पुनीता ने बिहार के ने औरंगाबाद परिवार न्यायालय के जज रामलाल शर्मा की कोर्ट में दाखिल अपनी अर्जी दाखिल की है. इसमें कहा गया है कि उसके पति को फांसी की सजा दी गई है. ऐसे में वह विधवा बनकर नहीं रहना चाहती है. इसलिए उसे तलाक दे दिया जाए.
यह भी पढ़ेंः मध्य प्रदेश कांग्रेस ने सुप्रीम कोर्ट में दायर की याचिका, BJP पर 16 विधायकों के अपहरण का आरोप
फांसी से बचने के लिए नई कानूनी चाल
अक्षय की पत्नी के वकील मुकेश कुमार का कहना है कि किसी भी महिला को कानूनी अधिकार है कि वह हिंदू विवाह अधिनियम 13 (2) (II) के तहत कुछ खास मामलों में तलाक का अधिकार है, इसमें रेप भी शामिल है. मुकेश कुमार का कहना है कि अगर किसी महिला के पति को दोषी ठहरा दिया जाता है तो वह तलाक के लिए अर्जी दाखिल कर सकती है. कानून के कुछ जानकार इसे फांसी से बचाने की नई चाल बता रहे हैं तो कुछ का कहना है कि सुप्रीम कोर्ट में फांसी का मामला होने के कारण इस दलील को फैमिली कोर्ट कोई फैसला नहीं दे पाएगा.
यह भी पढ़ेंः योगी कैबिनेट का फैसला: Coronavirus की वजह से घर से ही काम करें सरकारी और निजी कर्मचारी
20 मार्च को होगी फांसी
चारों दोषियों को 20 मार्च को सुबह 5.30 बजे फांसी दी जानी है. इससे पहले तीन पर दोषियों को फांसी पर चढ़ाए जाने के लिए डेथ वारंट निकल चुके हैं. इससे पहले 22 जनवरी, एक फरवरी और 3 मार्च के लिए चारों दोषी अक्षय, पवन, मुकेश और विनय को फांसी पर चढ़ाए जाने के लिए डेथ वारंट जारी किए गए थे. लेकिन कानूनी पेंचीदगियों के कारण इन्हें रद्द करना पड़ा. अब सभी दोषियों के पास कानूनी विकल्प पूरी तरह खत्म हो चुके हैं.
Source : News Nation Bureau