निर्भया के दोषियों को जल्द से जल्द सूली पर लटकाने के लिए प्रशासन हर अड़चन को दूर करने की कोशिश कर रहा है. ऐसी ही एक रुकावट को दूर करने के लिए एफएसएल की टीम को तिहाड़ भेजा जा रहा है, जो वहां जेल नंबर-4 में बंद विनय शर्मा की दया याचिका की जांच करेगी. दरअसल विनय शर्मा ने जेल से एक पत्र लिखकर शिकायत की है कि उसने राष्ट्रपति के पास दया याचिका नहीं भेजी है. उसे आशंका है कि उसके नाम से दया याचिका साजिशन लगाई गई है. जिस पर उसके हस्ताक्षर फर्जी हैं. इस शिकायत में उसने अपनी हैंडराइटिंग में शिकायत लिखकर अंगूठे के कई जगह निशान लगाए हैं.
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इस बाबत उसकी शिकायत कॉपी के साथ उसके वकील ने चार दिन पहले, 7 नवंबर को गृह मंत्रालय से लेकर तिहाड़ प्रशासन तक शिकायत दाखिल की हुई है. इसी शिकायत की जांच करने एफएसएफ की एक टीम विनय शर्मा की हैंड राइटिंग के नमूने और फिंगर प्रिंट (अंगूठे के निशान) के नमूने लेने तिहाड़ जाएगी. सूत्रों का कहना है कि तीन लोगों की यह टीम मौके पर ही रिपोर्ट देने की कोशिश करेगी, ताकि फांसी देने की प्रक्रिया में देरी न हो.
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बता दें कि तिहाड़ प्रशासन ने 16 दिसंबर को ही चारों दोषी मुकेश, विनय, पवन और अक्षय को फांसी देने की तैयारी की हुई है, लेकिन कुछ कानूनी अड़चन की वजह से आधिकारिक तौर पर कुछ नहीं कह रहे. बचाव पक्ष कभी सुप्रीम कोर्ट में पेटिशन लगाकर तो कभी दया याचिका को फर्जी बताकर मामले में जांच की मांग कर रहा है, जिससे देरी होने की आशंका है. दूसरी ओर तिहाड़ के आधिकारिक सूत्रों का कहना है कि इन रुकावटों का भी शीघ्र हल निकाला जा रहा है, कोशिश है कि जल्द से जल्द चारों को फांसी दे दी जाए. अगर देरी हुई तो दिसंबर आखिर तक फांसी होनी तय है. माना जा रहा है कि राष्ट्रपति दया याचिका खारिज करेंगे, क्योंकि वह एक सार्वजनिक सभा में कह चुके हैं कि रेप के दोषी दया के लायक नहीं हैं. जैसे ही दया याचिका खारिज होगी, कोर्ट से ब्लैक वारंट लेकर चारों को फांसी दे दी जाएगी.
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इसलिए सारी प्रक्रिया को जल्द से जल्द पूरा किया जा रहा है. बक्सर जेल को 10 फांसी के फंदे तिहाड़ में भेजने का ऑर्डर दे दिया गया है. तिहाड़ का फांसी घर पूरी तरह तैयार है. जल्लाद का इंतजाम भी जल्द कर लिया जाएगा. जेल के एक अधिकारी ने बताया कि जहां तक जैल मैन्यूल के अनुसार दया याचिका खारिज होने के बाद दोषियों को 14 दिन का समय देने की बात है तो यह साफ करे दें कि वह गाइड-लाइन है, नियम नहीं. विशेष परिस्थितियों में गाइड लाइन से अलग भी फैसले लिए जाते हैं.
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एक तरफ तिहाड़ प्रशासन चारों गुनहगारों को फांसी देने की तैयारी लगभग पूरी कर चुका है, दूसरी ओर बचाव पक्ष के वकील दोषियों को फांसी से बचाने या कुछ और समय तक टालने के लिए कानूनी उपाय तलाश रहे हैं. वे अर्जियां दाखिल रहे हैं. शिकायत दाखिल कर रहे हैं. ऐसे में जेल सूत्रों का कहना है कि वह हर रुकावट को जल्द से जल्द दूर करने की कोशिश कर रहे हैं. इसी सिलसिले में विनय की शिकायत की जांच के लिए एफएसएल टीम भी भेजी जा रही है, ताकि फांसी से पहले कोई अगर-मगर बाकी न रहे.
Source : अवनीश चौधरी