दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने चिंता जाहिर की है. सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से कहा है कि वो प्रदूषण की समस्या से निपटने के लिए दिल्ली में air purifying टावर लगाने के लिए रोडमैप बनाये.
केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से कहा कि ऑड इवन स्कीम से प्रदूषण के स्तर में कोई बदलाव नहीं आया. जबकि दिल्ली सरकार का कहना है कि इस स्कीम के चलते प्रदूषण के स्तर में 5-10 फीसदी की कमी आई है.
सुप्रीम कोर्ट में मामले की सुनवाई के दौरान केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) ने कहा कि ऑड- ईवन से 4 फीसद से ज़्यादा का अंतर नहीं आएगा. इस पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि ऑड ईवन, प्रदूषण की समस्या कोई स्थायी समाधान नहीं हो सकता. CPCB के मुताबिक सिर्फ तीन फीसदी प्रदूषण कार से होता है. CPCB का मानना है कि कूड़ा फेंकना, सड़क की धूल, कंस्ट्रक्शन वेस्ट प्रदूषण फैलाने की मुख्य वजह हैं.
प्रदूषण नियंत्रित कर सकते हैं प्रकृति नहीं - सुप्रीम कोर्ट
सुप्रीम कोर्ट ने केन्द्र और दिल्ली सरकार की फटकार लगाते हुए कहा कि हम प्रदूषण पर नियंत्रण कर सकते है, लेकिन प्रकृति पर नियंत्रण नहीं कर सकते. ऐसे हालात तब बनते है, जब प्रकृति का दुरुपयोग होता है.
ऑड ईवन से कम हुआ प्रदूषण - दिल्ली सरकार
दिल्ली सरकार का कहना है कि ऑड ईवन स्कीम से प्रदूषण के स्तर में 5 से 15 फीसदी की कमी आई है. रिजल्ट और भी बेहतर हो सकते थे, अगर ऑड ईवन में कोई छूट ना दी होती. दिल्ली में प्रदूषण की बड़ी वजह पड़ोसी राज्यों में पराली जलाना है
Source : न्यूज स्टेट ब्यूरो