दिल्ली हाईकोर्ट से अरविंद केजरीवाल सरकार को राहत नहीं मिली है. हाईकोर्ट ने प्राइवेट अस्पतालों में आईसीयू (ICU) बेड रिज़र्व करने के फैसले से रोक हटाने से इनकार किया. कोर्ट ने इस मामले में सभी पक्षों को नोटिस जारी किया. वहीं, अब इस केस की अगली सुनवाई 9 अक्टूबर को होगी. दरअसल, दिल्ली-एनसीआर में बढ़ते कोरोना मामलों और बड़े प्राइवेट अस्पतालों में आईसीयी बेड्स की किल्लत के मद्देनजर दिल्ली सरकार ने दिल्ली के 33 बड़े प्राइवेट अस्पतालों में उनकी कुल क्षमता के 80 प्रतिशत आईसीयू बेड्स कोरोना मरीज़ों के लिए रिज़र्व करने का आदेश दिया था. दिल्ली हाईकोर्ट की सिंगल बेंच ने दिल्ली सरकार के इस फैसले पर रोक लगा दी थी.
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दिल्ली हाईकोर्ट ने एसोसिएशन ऑफ हेल्थकेयर प्रोवाइडर्स द्वारा दायर एक याचिका पर नोटिस जारी करते हुए यह आदेश दिया. याचिका में कहा गया कि आदेश को इस बात का एहसास किए बिना अनियंत्रित, अनुचित और अवैध तरीके से पारित कर दिया गया कि निजी नर्सिग होम और अस्पतालों को इससे मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है. इसके अलावा, इस तथ्य पर कोई ध्यान नहीं दिया गया है कि नॉन-कोविड रोगियों को लंबे समय तक या अचानक बीमारी की स्थिति में आईसीयू/एचडीयू बेड की नहीं होने की वजह से खतरनाक परिणाम भुगतने पड़ सकते हैं.
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इस बीच दिल्ली में कोरोना वायरस के मामलों में उतार-चढ़ाव का सिलसिला जारी है. देश की राजधानी दिल्ली में रविवार को 3,292 नए कोरोना केस सामने आए हैं. इससे पहले दिल्ली में शनिवार को 3,372, शुक्रवार को 3,827 और गुरुवार को 3,834 केस आए थे. वहीं, रविवार को एक दिन में कोरोना वायरस से संक्रमित 42 लोगों की मौत हुई है और 3,739 लोगों ने कोरोना को मात दी है. दिल्ली में कोरोना वायरस के कुल मामले 2,71,114 हो चुके हैं, जिसमें से 2,36,651 लोगों ने कोरोना वायरस से रिकवरी की है. दिल्ली में कोरोना वायरस से मरने वाले मरीजों की कुल संख्या 5,235 पहुंच गई है. दिल्ली में अब भी कोरोना वायरस के 29,228 ऐक्टिव केस हैं.
Source : News Nation Bureau