राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (एनसीपीसीआर) ने दिल्ली के द्वारका में छात्रा पर हुए एसिड अटैक का संज्ञान लिया है. आयोग ने दिल्ली पुलिस को नोटिस भेजकर पूछा है कि प्रतिबंध के बाबजूद आरोपियों को एसिड कैसे मिला? वहीं साउथ वेस्ट दिल्ली के डीएम को भी नोटिस भेजकर 24 घंटे के भीतर जवाब देने की बात कही है. बता दें कि दिल्ली के द्वारका इलाके में बुधवार सुबह एक नाबालिग स्कूली छात्रा पर एसिड से हमला किया गया था.
आयोग ने एसिड हमले की खबर पर संज्ञान लेते हुए बताया कि राष्ट्रीय राजधानी में एक भीषण अपराध हुआ है, क्योंकि एक स्कूली लड़की पर दिन के उजाले में तेजाब से हमला किया गया. आयोग ने कहा की प्रथम ²ष्टया यह किशोर न्याय (देखभाल और संरक्षण) अधिनियम, 2015 और आईपीसी का उल्लंघन प्रतीत होता है.
आयोग ने द्वारका के डीसीपी को नोटिस जारी कर यह पता लगाने के लिए कहा कि आरोपी ने तेजाब जैसा पदार्थ कहां से खरीदा था, क्योंकि यह बिक्री के लिए प्रतिबंधित है. वहीं ये भी कहा गया कि तेजाब विक्रेता को चिन्हित कर गिरफ्तार किया जाना चाहिए. इसके अलावा अभियुक्तों की गिरफ्तारी की स्थिति रिपोर्ट और नाबालिग पीड़ित लड़की और उसके परिवार के सदस्यों की सुरक्षा सुनिश्चित करने को भी आयोग ने कहा है.
आयोग ने साउथ वेस्ट दिल्ली के जिलाधिकारी को पीड़ित लड़की के स्वास्थ्य का ध्यान देने और मुआवजा संबंधी रिपोर्ट मांगी है. डीएम को ये रिपोर्ट 24 घंटे में देने की बात आयोग ने अपने नोटिस में कही है. एनसीपीसीआर ने बताया कि उनकी एक टीम ने पीड़ित लड़की और उसके परिवार के सदस्यों के साथ सफदरजंग अस्पताल जाकर बातचीत की है और डॉक्टरों सहित जांच अधिकारी से भी बातचीत कर मामले की जानकारी ली गई है.
वहीं इस मामले में राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग के प्रमुख प्रियंक कानूनगो ने आईएएनएस से बात करते हुए कहा कि अगर तेजाब दिल्ली से लाया गया, तो दोष दिल्ली सरकार का भी है. उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने तेजाब की बिक्री पर रोक लगा दी है. यह राज्य सरकार और राज्य एजेंसियों की भी जिम्मेदारी है कि वे ये सुनिश्चित करें कि प्रतिबंध लागू हो.
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Source : IANS