AIIMS Smart Lab: राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली स्थित देश के सर्वोच्च मेडिकल संस्थान एम्स से बड़ी खबर सामने आई है. दरअसल ऑल इंडिया इंस्टिट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस में अब आपको जांच की रिपोर्ट के लिए ज्यादा इंतजार नहीं करना पड़ेगा. जी हां एम्स में अब स्मार्ट लैब तैयार की गई है. इस लैब का सीधा फायदा यहां आने वाले रोगियों और उनके परिजनों को होगा. माना जा रहा है कि इस लैब के आने से ना सिर्फ उच्च स्तरीय जांचे संभव हो पाएंगी बल्कि इनकी रिपोर्ट भी सुपरफास्ट तरीके से आ जाएंगी.
बता दें कि यह स्मार्ट लैब चिकित्सा विभाग के तहत एक अत्याधुनिक एंड-टू-एंड कुल लैब ऑटोमेशन प्लेटफॉर्म के तहत तैयार की गई है. यह इंटीग्रेटेड लैब है जो एम्स में बड़ी संख्या में प्रयोगशाला टेस्ट के लिए एक सिंगल विंडो का काम करेगी. यानी अब अलग-अलग जगहों पर जाकर टेस्ट नहीं कराने होंगे. स्मार्ट लैब में ही हर तरह टेस्ट को अंजाम दिया जाएगा और यहीं से रिपोर्ट भी तुरंत रिलीज की जाएगी.
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क्या है स्मार्ट लैब का फायदा
- 90 फीसदी रिपोर्ट सेम डे में दी जाएगी
- 100 तरह के पैरामीटर पर जांच करने में समक्ष है लैब
- 4 घंटे के अंदर ही 50 फीसदी रिपोर्ट कर दी जाएंगी रिलीज
- 6 हजार तक सैंपलों की जांच औसतन रोजाना हो रही है
- 24 घंटे लैब में हो रहा काम, यानी रोगियों को रिपोर्ट का इंतजार होगा कम
ईको फ्रैंडली लैब
बता दें कि दिल्ली स्थिति एम्स में तैयार स्मार्ट लैब की खासियत है कि ये पूरी तरह ईको फ्रैंडली है. दरअसल ये लैब पेपरलेस है. ऐसे में पर्यावरण हितैषी होने के साथ-साथ इस लैब में 24 घंटे काम हो रहा है. हालांकि मरीजों को सैंपल देने के लिए एक समय निश्चित किया गया है. ये समय ह सुबह 8 बजे से शाम 6 बजे तक. इन 10 घंटे में लोग जांच के लिए सैंपल दे सकते हैं.
ओपीडी और स्पेशल क्लिनिक में आने वाले मरीजों को उसी दिन अपने सैंपलों की रिपोर्ट प्राप्त हो जाएगी. बता दें कि इस लैब में रोजाना औसतन 5 से 6 हजार सैंपल पहुंच भी रहे हैं. माना जा रहा है कि आने वाले दिनों में इनकी संख्या 10 हजार तक पहुंच सकती है.
सभी तरह की जांचें शामिल
एम्स की स्मार्ट लैब में कॉग्लिशन, सिरोलॉजी, इंडोक्रोनोलॉजी, बायोकेमिस्ट्री, हेमटोलॉजी समेत एक छत के नीचे सभी तरह की जांचें शामिल हैं. एम्स दिल्ली में सहायक प्रोफेसर डॉ. तुषार सहगल की मानें तो सैंपल कलेक्शन सुविधा में भी बढ़ोतरी हुई है. पेशेंट को भी इस लैब से काफी फायदा मिल रहा है. उन्होंने बताया 2020 में इस लैब पर काम शुरू किया गया था और लगातार इसमें इजाफा हो रहा है.
AI और रोबोट का भी अहम रोल
स्मार्ट लैब में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस यानी AI की भी मदद ली जा रही है. इसका इस्तेमाल टेस्ट रिपोर्ट्स के रिजल्ट बनाने में हो रहा है. हालांकि अभी इसका शुरुआती स्तर है, लेकिन जल्द ही इसे और बेहतर कर लिया जाएगा. इसकी मदद से 40 से 50 फीसदी रिपोर्ट ऑटो वेलिडेट हो जाते हैं. एआई की वजह से हर रिपोर्ट मैन्यूअली रिव्यू नहीं करना पड़ता. इससे डॉक्टरों का वर्क लोड भी कम हो गया है. समय की भी बचत हो रही है. वहीं इस लैब में रोबोटिक इक्विपमेंट भी हैं जो जांच करने या सैंपल लेने में भी मदद करते हैं.