दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा दिये जाने की मांग को लेकर एक मार्च से अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल पर बैठने के अपने निर्णय की घोषणा के एक दिन बाद मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Arvind kejariwal) ने रविवार को कहा कि यह उनके सामने अंतिम विकल्प है. बीजेपी (BJP) ने केजरीवाल के इस कदम को ‘‘चुनावों से पहले का ड्रामा’’ बताया और आरोप लगाया कि सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी (आप) के पास लोकसभा चुनाव में वोट मांगने के लिए अपनी उपलब्धियों के रूप में लोगों को दिखाने के लिए कुछ भी नहीं है.
कई ट्वीट करके केजरीवाल ने आरोप लगाया कि केन्द्र की बीजेपी सरकार पिछले चार वर्षों से आप सरकार की शक्तियों को ‘‘छीन’’ रही है.
केजरीवाल ने ट्वीट किया, ‘पिछले चार साल में मोदी सरकार आदेश पारित करके दिल्ली सरकार की शक्तियां छीनती गयी. सीसीटीवी, स्कूल, अस्पताल, मोहल्ला क्लीनिक, आदि - दिल्ली वालों के हर काम में अड़चनें लगाईं. हमने सब किया -इनके सामने गिड़गिड़ाए, धरना दिया, कोर्ट गए. जब कोई रास्ता नहीं बचा तो उपवास कर रहे हैं.’
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एक अन्य ट्वीट में उन्होंने कहा, ‘हां, दिल्ली भारत की राष्ट्रीय राजधानी है. इसलिए केंद्र पूरे एनडीएमसी क्षेत्र को अपने पूर्ण नियंत्रण में रखे. दिल्ली के बाकी लोग, जिसमें दिल्लीवासी अपने स्वयं की सरकार का चुनाव करते हैं, को केंद्र के अधीन कैसे रखा जा सकता है? किसी भी तरह का अन्याय बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.’
उन्होंने कहा, ‘अगस्त 2003 में आडवाणी जी गृह मंत्री के रूप में लोकसभा में दिल्ली के लिए पूर्ण राज्य के दर्जा के लिए एक विधेयक लाये थे. प्रणब दा के नेतृत्व वाली एक संसदीय समिति ने दिसंबर 2003 में इसका समर्थन किया था. लेकिन अंतत: इस पर बात नहीं बन सकी. क्या उनका इरादा सिर्फ दिल्ली के लोगों की भावनाओं से खेलने का था? दिल्लीवालों के साथ यह अन्याय क्यों हुआ?’
आप के राष्ट्रीय संयोजक ने बीजेपी और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (Narendra Modi) पर इस मुद्दे पर ‘‘झूठ’’ बोलने का आरोप लगाया और दावा किया कि दिल्ली के लोग पूर्ण राज्य का ‘‘विरोध’’ करने वाले लोगों को दंडित करेंगे.
Source : PTI