भारत और चीन राजनयिक संबंधों की 70वीं वर्षगांठ के अवसर पर संयुक्त रूप से 70 कार्यक्रमों का आयोजन करेंगे. इस संबंध में पिछले महीने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग की अनौपचारिक शिखर बैठक के दौरान निर्णय किया गया था. विदेश मंत्रालय ने शुक्रवार को एक बयान में कहा कि इन गतिविधियों में संसदीय आदान-प्रदान शामिल है और इसके जरिए दोनों सभ्यताओं के बीच ऐतिहासिक संपर्क के साथ ही बीते वर्षों के दौरान बढ़ते द्विपक्षीय संबंधों को दर्शाया जाएगा. विदेश मंत्रालय ने कहा कि दोनों देशों के लोगों के बीच सभी स्तर पर आपसी संपर्क बढ़ाने पर भी जोर दिया जाएगा.
इस दौरान दोनों देशों के जनप्रतिनिधि, कारोबारी, शिक्षाविद्, सांस्कृतिक और युवा संगठनों के साथ ही रक्षा बल भी एक दूसरे से मिलेंगे. इसमें कहा गया है कि तमिलनाडु और चीन के फ्युजान प्रांत के माध्यम से दोनों देशों के बीच प्राचीन जलमार्ग संबंधों के अध्ययन के लिए साझा परियोजनाएं शुरू की जाएंगी. तमिलनाडु और चीन के प्रांत के बीच संबंधों का अध्ययन करने के लिए एक अकादमी की स्थापना की संभावनाएं भी तलाशी जाएंगी. विदेश मंत्रालय ने बताया कि ये गतिविधियां 2020-2021 के बीच आयोजित की जाएंगी. चीनी पक्ष भारत में चीन-भारत व्यापार और निवेश सहयोग मंच का आयोजन करेगा.
इसके साथ ही दूसरी भारत-चीन भेषज नियमन बैठक भी आयोजित की जाएगी. भारतीय पक्ष अपनी गतिविधियों के तहत चीन में औषधि क्षेत्र से संबंधित एक विशेष कार्यक्रम का आयोजन करेगा. मोदी और शी ने 11-12 अक्टूबर को मामल्लापुरम में अपनी दूसरी अनौपचारिक शिखर बैठक के दौरान कई द्विपक्षीय मुद्दों पर चर्चा की थी और व्यापार तथा निवेश को बढ़ावा देने पर जोर दिया था.
Source : भाषा