राजधानी दिल्ली में कोरोना वायरस के मरीजों की संख्या में लगातार बढ़ोतरी हो रही है और मौत का आंकड़ा भी बढ़ता जा रहा है. साथ ही साथ दिल्ली सरकार भी कह चुकी है कि जुलाई तक यह आंकड़ा लगभग 5,5 लाख तक पहुंच सकता है. वायरस का खतरा लगातार बढ़ता जा रहा है जिसको देखते हुए राजधानी दिल्ली की मस्जिदों के इमाम ने एक बैठक बुलाई और लोगों से प्रतिक्रिया लेने की कोशिश की कि क्या मस्जिदों को एक बार फिर से बंद कर देना चाहिए तब तक जब तक करोना वायरस के संक्रमण का खतरा कम नहीं होता. ज्यादातर लोगों की यही राय आई है कि जब तक वायरस के संक्रमण का खतरा कम नहीं होता तब तक को बंद कर देना चाहिए.
हम आपको बता दें कि शाही जामा मस्जिद के इमाम अहमद बुखारी ने हाल ही में कहा था कि लगातार बढ़ता जा रहा है और इसका कोई इलाज नहीं है जिसके मद्देनजर हमने लोगों से राय ली है कि क्या मस्जिदों को बंद कर देना चाहिए. बीती शाम को जामा मस्जिद के pro अमानुल्लाह की अस्पताल में कोरोना वायरस से मौत हो गई थी.
ज़ाहिर सी बात है अगर धार्मिक स्थल पर भीढ होती है तो कोरोना का खतरा और ज़्यादा बढ़ सकता है जिसको देखते हुए एक बार फिर से मस्जिदों को बंद कर दिया जाता है तो करोना वायरस के संक्रमण का खतरा कम हो सकता है. बता दें 8 जून को देश के धार्मिक स्थलों को खोलने का ऐलान किया गया था जिसके मद्देनजर गिरजाघर (चर्च)कमेटी ने पहले ही गिरजाघरो को खोलने के लिए मना कर दिया और अब मस्जिद के इमाम ने भी संकेत दे दिए हैं कि मस्जिदों को एक बार फिर से बंद कर दिया जाएगा अगर ऐसा होता है तो कोरोना वायरस से लड़ाई के लिए यह एक अहम मुहिम होगी.
Source : wajid ali