दिल्ली की सड़कों पर पड़ा हुआ पटाखों का मलबा इस बात की गवाही दे रहा है कि बीती रात को कैसे सभी कायदे कानूनों को ताख पर रखकर दिल्ली वालों ने पटाखे फोड़े हैं. दिल्ली में पटाखों की वजह से दिवाली की रात कितना नुकसान हुआ है इस बात का अंदाजा इससे भी लगाया जा सकता है कि दिल्ली की अग्निशमन सेवा को आग लगने जैसी घटनाओं के लिए 200 से ज्यादा कॉल आए. दुर्घटनाओं में जहां एक व्यक्ति की मौत हो गई, वहीं दूसरा आग के कारण गंभीर रूप से जख्मी हुआ है.
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दिवाली की रात दिल्ली के मुंडका में एक कूलर गोदाम में भीषण आग लग गई. जिसमें एक शख्स की जलकर जान चली गई और दूसरा व्यक्ति आग के कारण खासा जख्मी हुआ. मुंडका इलाके में रात को करीब 11.15 बजे एक कूलर बनाने वाली फैक्ट्री में आग लगी. बताया जा रहा है आग इतनी भयंकर थी की इस बुझाने के लिए दमकल की 15 से ज़्यादा गाड़ियों को घंटों की मशक्कत करनी पड़ी. रविवार तड़के तक बचाव अभियान जारी रहा.
दिल्ली अग्निशमन सेवा के निदेशक अतुल गर्ग ने बताया कि रात 11.05 बजे मुंडका इलाके से सूचना मिली थी कि मेट्रो के पिलर 483 के पास बलबीर साईं कांटा के पास एक लकड़ी के गोदाम में आग लग गई है. हालांकि, पिछले साल की तुलना में इस साल दिल्ली में दिवाली पर आग लगने के कारण आने वाले कॉल की संख्या 40 कम रही. वहीं पटाखों पर प्रतिबंध के बावजूद दीवाली की रात लोगों ने पटाखे फोड़े, जिसकी कई लोगों ने सोशल मीडिया के जरिए शिकायत की.
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राजधानी में पटाखों की बिक्री और खरीद दोनों पर दिल्ली पुलिस द्वारा प्रतिबंध लगाए जाने के बावजूद इसके कम से कम 12 मामले दर्ज किए गए और पटाखे बेचने के कारण 10 लोगों को गिरफ्तार किया गया.