जेएनयू के साबरमती हॉस्टल में छात्रों के दो गुटों के बीच हुई हिंसा मामले में एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि दिल्ली पुलिस की पूरे मामले में भूमिका संदिग्ध है. घटना के डेढ़ घंटे तक पुलिस मौके पर नहीं पहुंची. छात्रों से 150 से ज्यादा फोन पुलिस को किए. ओवैसी ने बीजेपी पर तंज कसते हुए कहा कि जिन लोगों (दिल्ली पुलिस) ने नकाबपोशों को हॉस्टल में घुसने दिया अब वहीं इस मामले की जांच करेंगे.
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ओवैसी ने कहा कि सरकार छात्रों की आवाज को दबाना चाहती है. उन्होंने कहा कि यह घटना देश की राजधानी दिल्ली में घटी. इसके बाद भी पुलिस को मौके पर पहुंचने में डेढ़ घंटा लग गया. मैं इस घटना की निंदा करता हूं. उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि जेएनयू में हिंसा करने वाले लोगों को सरकार की ओर से हरी झंडी मिली हुई थी. जेएनयू में घुसने वाले बाहरी छात्रों ने कायरों की तरह अपने चेहरे छुपा रखे थे. ओवैसी ने आरोप लगाते हुए कहा कि पुलिस ने आरोपियों को भागने में मदद की, इसकी वीडियो सामने आ चुकी हैं.
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इस मामले में हिंसा की नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए साबरमती हॉस्टल के वार्डन आर मीणा ने इस्तीफा दे दिया है. उन्होंने कहा कि छात्रों को सुरक्षा देने की उनकी जिम्मेदारी थी जिसे पूरा कर पाने में वह असफल रहे. इस मामले में अस्पताल में भर्ती 23 घायल छात्रों को छुट्टी दे दी गई है. पुलिस के पास इस मामले में तीन शिकायतें आई हैं. इसमें से पुलिस ने एक मामले में एफआईआर दर्ज कर ली है.
Source : News Nation Bureau