कोरोना वायरस (Coronavirus) की दूसरी लहर से दिल्ली (Corona in Delhi) में हाहाकार मचा हुआ है. दिल्ली के अस्पतालों में ऑक्सीजन आपूर्ति (Oxygen Shortage), बेड और दवाओं की कमी को लेकर हाईकोर्ट (Delhi High Court) में आज एक बार फिर से सुनवाई हुई. ऑक्सीजन की कमी के चलते शनिवार को बत्रा हॉस्पीटल (Batra Hospital) में कई मरीजों की मौत हो गई. जिसमें उसके डॉक्टर भी शामिल हैं. इसके बाद कोर्ट ने कहा कि पानी सिर से ऊपर चला गया है. केंद्र सरकार (Center Government) को आदेश देते हुए कहा कि दिल्ली को आज हर हाल में उसके कोटे की ऑक्सीजन दें. कोर्ट ने कहा कि केंद्र सुनिश्चित करे कि आज से ही दिल्ली के हिस्से की 490 मेट्रिक टन ऑक्सीजन उसे मिले.
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कोर्ट ने कहा कि 20 अप्रैल से ये आवंटन हुआ था. लेकिन आज तक एक भी दिन इतनी सप्लाई दिल्ली को नहीं मिली. अगर 490 टन ऑक्सीजन की सप्लाई नहीं हुई तो सम्बन्धित अधिकारियों को अगली तारीख पर पेश होना होगा. हम उनके खिलाफ अदालत की अवमानना की कार्रवाई भी चला सकते है. दिल्ली औद्योगिक राज्य है इसके पास अपने टैंकर नहीं होंगे. लेकिन ये सब व्यवस्था करना केन्द्र सरकार की भी जिम्मेदारी है.
केन्द्र सरकार की ओर से ASG चेतन शर्मा ने कोर्ट से कहा कि अभी मामला SC में पेंडिंग है. दिल्ली HC ने कहा कि तो क्या हुआ. लोग मर रहे है . 8 लोग ऑक्सीजन की कमी के चलते मर गए. हम अपनी आंखें बंद कर लें. सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार के वकील के कोर्ट से सुनवाई टालने का आग्रह किया. कोर्ट ने उससे इंकार कर दिया. कोर्ट ने कहा कि बहुत हो चुका है. हम सिर्फ आवंटन के मुताबिक ऑक्सीजन सप्लाई की तो बात कर रहे है. हम आपकी सफाई को सोमवार को देखेंगे अगर आप आंवटन नहीं करते हैं.
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इस मामले में दिल्ली सरकार ने कोर्ट से कहा है कि दिल्ली के ऑक्सीजन टैंकरों को प्राथमिकता नहीं दी जा रही है. दिल्ली को हर रोज संघर्ष करना पड़ रहा है. इसे जानने के लिए हमें स्क्रीन के पीछे क्या चल रहा है उसकी तह तक जाना होगा. हमारे अधिकारी हर रोज नर्वस ब्रेकडाउन की कगार पर हैं. इस बीच अधिवक्ता विराट गुप्ता ने अपनी अपील में कहा है कि वे जानते हैं कि 12 राजनीतिक पार्टियां ऑक्सीजन की ब्लैक मार्केटिंग में लगी हुई हैं.
हाईकोर्ट ने केंद्र को निर्देश दिया है कि 'किसी भी हाल में आज 490 MT ऑक्सीजन पहुंचनी चाहिए. अगर इसका पालन नहीं किया गया तो अदालत अवमानना की कार्रवाई कर सकती है. अगर ये काम पूरा नहीं होता है तो DPIIT के सचिव को अगली सुनवाई में अदालत के सामने हाजिर होना पड़ेगा. अब पानी सर से ऊपर चढ़ चुका है.'
HIGHLIGHTS
- दिल्ली हाईकोर्ट में कोविड संकट पर हो रही सुनवाई
- बत्रा अस्पताल ने ऑक्सीजन के बारे में अदालत को बताया
- दिल्ली सरकार ने कहा- टैंकरों को आने नहीं दिया जा रहा