पाकिस्तानी (pakistan) जासूस मामले में भारतीय रेलवे के कुछ कर्मचारी भी आर्मी इंटेलीजेंस, आईबी और स्पेशल सेल के रडार पर आ गए हैं. इनमें से कुछ कर्मचारियों को पूछताछ के लिए बुलाया जा सकता है ताकि पता चल सके कि इन कर्मचारियों से क्या जानकारी या डॉक्यूमेंटस लिए गए थे. इसके साथ ही इनकी मुलाकात कब हुई थी इसकी भी जानकारी ली जाएगी. आशंका है कि रेलवे के ये कर्मचारी मूवमेंट डिपार्टमेंट से जुड़े हो सकते हैं. ये डिपार्टमेंट सेना की यूनिट को ट्रेन से एक जगह से दूसरी जगह भेजने का काम करता है.
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स्पेशल सेल ने इन जासूसों के मोबाइल फ़ोन डेटा की जांच कर ली है और इनकी मूवमेंट देश में कहां-कहां हुई ये भी पता लगा लिया गया है. ये जासूस पाकिस्तानी हाई कमीशन में लगने वाले वीजा के डॉक्यूमेंट के जरिये फर्जी नाम से सिम कार्ड जारी कराते थे. इसके बाद भारतीय सेना के छोटे रैंक के कर्मचारियों अधिकारियों को अपने जाल में फंसाने की कोशिश करते थे.
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गौरतलब है कि रविवार को भारत ने पाकिस्तान उच्चायोग के दो अधिकारियों को जासूसी के आरोप में पकड़ा. इसके बाद दोनों को पर्सोना-नॉन ग्रेटा घोषित कर दिया गया और देश छोड़ने का आदेश दे दिया. दोनों को दिल्ली के करोल बाग इलाके से गिरफ्तार किया गया. इनकी पहचान आबिद हुसैन और ताहिर हुसैन के रूप में हुई है. दोनों पाक उच्चायोग के वीजा सेक्शन में काम करते थे. दोनों भारतीय सेना के अधिकारियों की जासूसी कर उनकी रिपोर्ट आईएसआई को देते थे. पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय ने भारत के द्वारा लगाए गए आरोपों को गलत बताया है और कहा है कि वह इसकी निंदा करते हैं. इसके अलावा पाकिस्तान का आरोप है कि भारत की ओर से वियना संधि का उल्लंघन किया गया है, जो कि द्विपक्षीय रिश्तों में खलल डाल सकता है.
Source : News Nation Bureau