राजधानी दिल्ली में इन दिनों का प्रदूषण का स्तर लगातार बढ़ता जा रहा है. यहां की पूरी हवा में प्रदूषण का जहर फैला हुआ है. ऐसे में दिवाली के मौके पर दिल्ली सरकार लोगों से पटाखे नहीं जाने की अपील कर रहे हैं. लेकिन दिवाली पर आतिशबाजी करने की सबकी इच्छा होती है इसलिए केजरीवाल सरकार ने लोगों से ग्रीन पटाखे फोड़ने का अनुरोध किया है.
बता दें कि अन्य पटाखों की तुलना में ग्रीन पटाखे कम प्रदूषि होती है और पर्यावरण के लिए कम नुकसानदेह होता है. पटाखे फोड़ने के लिए दिल्ली सरकार ने 24 से अधिक खुले स्थानों की एक सूची जारी की है, जहां लोग दिवाली के दिन रात 8 बजे से 10 बजे के बीच ग्रीन पटाखे जला सकेंगे.
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जानकारी के मुताबिक, वायु प्रदूषण और कोरोनावायरस के संक्रमण को देखते हुए केजरीवाल सरकार एक अभियान भी शुरू करने जा रही है. इसमें राज्य सरकार लोगों से अपील करेगी कि लोग दिवाली पर पटाखे न जलाएं.
दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने कहा कि राज्य सरकार ने केवल ग्रीन पटाखे बनाने और बेचने की अनुमति दी है, जिनमें पारंपरिक पटाखों की तुलना में कम प्रदूषक तत्व होते हैं. साथ ही उनमें आवाज भी कम होती है.
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दिल्ली सरकार की वेबसाइट पर प्रकाशित 824 स्थानों की सूची में पार्क, खाली प्लॉट, स्कूल के खेल के मैदान और शहर के 272 नगरपालिका वार्डों के सभी खुले मैदान शामिल हैं.
कुछ प्रमुख स्थानों में मोती नगर में सुदर्शन पार्क, मयूर विहार में बुद्ध पार्क, चाणक्यपुरी के बी ब्लॉक में एक पार्क, दिल्ली छावनी में वेस्ट महराम नगर, साकेत में होटल लीला के सामने सीबीडी ग्राउंड, गांधी पार्क लक्ष्मीबाई नगर में रामलीला मैदान और करोल बाग में अजमल खान पार्क भी शामिल हैं.
दिल्ली और देश भर में 93 उत्पादक एजेंसियां हैं, जो पायरोटेक्निक और ऑक्सिडाइजर को मिलाकर ग्रीन पटाखों का उत्पादन करती हैं. दुकानदार ग्रीन पटाखे उत्पादकों से आयात कर सकते हैं और उसी को उपयोग में लाया जा सकता है.
दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने कहा, मैं दिल्लीवासियों से अपील करता हूं कि वे कोविड-19 महामारी के कारण स्थिति की गंभीरता को देखते हुए 'नो पटाखा' अभियान शुरू करें. दीपावली पर जलने वाले पटाखे और पराली जलने से होने वाला धुंआ दिल्ली के प्रदूषण के प्रमुख कारण हैं. इसलिए ग्रीन पटाखा को सख्ती से लागू किया जाएगा.
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गोपाल राय ने कहा, दिल्ली सरकार की तरफ से 'युद्ध, प्रदूषण के विरूद्ध' अभियान चलाया जा रहा है. इस पूरे अभियान के तहत पिछले करीब एक महीने से धूल प्रदूषण के खिलाफ एंटी डस्ट कैंपेन, वाहन प्रदूषण को कम करने के लिए 'रेड लाइट ऑन, गाड़ी ऑफ' अभियान, पराली की समस्या से निपटने के लिए बायो डीकंपोजर का छिड़काव, दिल्ली के अंदर इलेक्ट्रिक व्हीकल पॉलिसी, ट्री ट्रांसप्लांटेशन पॉलिसी और दिल्ली के अंदर जो हमारे 13 हॉटस्पॉट हैं, उनका नजदीकी से निगरानी का काम किया जा रहा है.
दिल्ली में इन अभियानों के बावजूद भी अगर कहीं पर लापरवाही हो रही है, तो उस पर कार्रवाई हो और उसको नियंत्रित किया जाए, इसके लिए ग्रीन दिल्ली ऐप लांच किया गया है.
पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने कहा कि अब दीपावली नजदीक आ रही है. पराली जलने से धुआं होता है और दीपावली के समय पटाखे जलाने से दिल्ली की हवा जहरीली होती है. इसका बहुत ही गहरा असर दिल्ली के लोगों की जिंदगी पर पड़ता है. इसलिए दिल्ली सरकार ने यह निर्णय लिया है कि सुप्रीम कोर्ट के 23 अक्टूबर 2018 के आदेशानुसार दिल्ली के अंदर केवल ग्रीन पटाखों का उत्पादन, बिक्री और उपयोग किया जा सकता है.
डीपीसीसी की वेबसाइट पर ग्रीन पटाखों के पंजीकृत उत्पादकों की सूची बुधवार को अपलोड की जाएगी. जिसका उपयोग दिल्ली के सभी पटाखा निर्माता और विक्रेता कर सकते हैं. उन्होंने कहा कि ग्रीन पटाखों का उपयोग हो रहा है या नहीं, इसके लिए कोर्ट ने पुलिस को निर्देश दिया था कि वह इसकी जांच करें और सुनिश्चित करें.
(IANS इनपुट के साथ)
Source : News Nation Bureau