New Update
/newsnation/media/media_files/2025/06/18/artifical-rainfall-2025-06-18-20-27-13.jpg)
artifical rainfall (social media)
राजधानी दिल्ली में पहली बार कृत्रिम वर्षा (आर्टिफिशियल रेन) कराने के पायलट प्रोजेक्ट की सभी तैयारियाँ पूरी कर ली गई हैं.अब सिर्फ उपयुक्त बादलों के बनने का इंतज़ार है. जैसे ही मौसम अनुकूल होगा, यह ऐतिहासिक प्रयास शुरू कर दिया जाएगा. पर्यावरण मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा ने कहा कि यह पहल सिर्फ एक प्रयोग नहीं, बल्कि भविष्य के लिए वैज्ञानिक तकनीक आधारित समाधान का एक रोडमैप है.
Advertisment
इस प्रोजेक्ट को लेकर मुख्य जानकारी
• आईएमडी (मौसम विभाग) ने परियोजना को हरी झंडी दे दी है.
• आईआईटी कानपुर इस पायलट प्रोजेक्ट का वैज्ञानिक संचालन करेगा.
• दिल्ली के बाहरी और उत्तर-पश्चिमी इलाकों में 5 टेस्ट फ्लाइट्स चलाई जाएंगी.
• फ्लेयर से लैस विमान सिल्वर आयोडाइड, आयोडीन और रॉक सॉल्ट का मिश्रण बादलों में छोड़ेगा.
• उड़ानें 100 वर्ग किमी क्षेत्र में 1 से 1.5 घंटे तक संचालित होंगी.
• सुरक्षा कारणों से राष्ट्रपति भवन, पीएम आवास और संसद भवन जैसे इलाकों से दूर उड़ानें होंगी.
• CAAQMS मॉनिटरिंग स्टेशन से एयर क्वालिटी पर असर की निगरानी की जाएगी.
• यह प्रयोग सिर्फ बारिश कराने के लिए नहीं है, बल्कि यह PM2.5 और PM10 जैसे प्रदूषकों को कम करने की वैज्ञानिक कोशिश है.
• चयनित बादल मुख्य रूप से निंबोस्ट्रेटस (Ns) होंगे जो 500 से 6000 मीटर की ऊँचाई पर होते हैं और जिनमें कम से कम 50% नमी होनी चाहिए.
• परियोजना की अनुमानित लागत ₹3.21 करोड़ है, जिसे दिल्ली सरकार वहन करेगी.
पर्यावरण मंत्री मंजिन्दर सिंह सिरसा नें कहा कि “स्वच्छ हवा सभी का अधिकार है. हमने सड़कों पर एंटी स्मॉग गन, स्प्रिंकलर और निर्माण स्थलों पर धूल नियंत्रण जैसे कदम उठाए हैं. अब हम आसमान तक पहुँच रहे हैं. यह प्रयास दिल्लीवासियों को साफ हवा देने की दिशा में एक और बड़ा कदम है.”