14 जनवरी को देश में गुरु गोविंद सिंह जी की जंयती मनाई जा रही है. इस मौके पर देश के प्रधानमंत्री नरेद्र मोदी ने गुरुगोविंद सिंह का स्मारक सिक्का जारी किया है. पीएम मोदी ने अपने आवास पर सिक्का जारी करते हुए करतापुर कॉरिडोर का जिक्र करते हुए कहा, 'करतारपुर कॉरिडोर के माध्यम से सिख श्रद्धालु गुरु नानक देव जी की 550 वीं जयंती पर पाकिस्तान के नरोवाल में स्थित दरबार साहिब के लिए वीजा-मुक्त तीर्थ यात्रा कर सकेंगे. प्रधानमंत्री ने कहा, 'अगस्त 1947 में जो चूक हुई थी, यह उसका प्रायश्चित है. हमारे गुरु का सबसे महत्वपूर्ण स्थल सिर्फ कुछ ही किलोमीटर दूर था, लेकिन उसे भी अपने साथ नहीं लिया गया. यह कॉरिडोर उस नुकसान को कम करने का प्रमाणित परिणाम है.'
इससे पहले प्रधानमंत्री मोदी ने पिछले साल 30 दिसंबर को अपने मासिक रेडियो संबोधन मन की बात में भी गुरु गोबिंद सिंह जी को याद किया था और उनकी वीरता, त्याग और भक्ति की सराहना की थी.
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Delhi: Prime Minister Narendra Modi releases commemorative coin to mark birth anniversary of Guru Gobind Singh. Former Prime Minister Manmohan Singh also present. pic.twitter.com/CRTntukN9f
— ANI (@ANI) January 13, 2019
PM Modi at the release of a commemorative coin to mark the birth anniversary of Guru Gobind Singh, in Delhi: Through Kartarpur corridor, Sikh devotees will be able to make visa-free pilgrimage to Darbar Sahib in Narowal, Pakistan, on the 550th birth anniversary of Guru Nanak Dev. pic.twitter.com/9221ZxVU5C
— ANI (@ANI) January 13, 2019
PM Narendra Modi in Delhi: August 1947 mein jo chuk hui thi, yeh uska prayaschit hai. Humare guru ka sabse mehatvapurn sthal sirf kuch hi kilometer dur tha lekin use bhi apne saath nahi liya gaya. Yeh corridor uss nuksaan ko kum karne ka pramanik pramaan hai.
— ANI (@ANI) January 13, 2019
बता दें कि गुरु गोबिंद सिंह जी सिखों के 10वें गुरु थे. इन्होंने ही सिख धर्म के पवित्र ग्रंथ गुरु ग्रंथ साहिब (Guru Granth Sahib) को पूरा किया. साथ ही गोबिंद सिंह जी ने खालसा वाणी - "वाहेगुरु जी का खालसा, वाहेगुरु जी की फतह" भी दी. खालसा पंथ की की रक्षा के लिए गुरु गोबिंग सिंह जी मुगलों और उनके सहयोगियों से लगभग 14 बार लड़े. उन्होंने जीवन जीने के लिए पांच सिद्धांत भी दिए, जिन्हें 'पांच ककार' कहा जाता है. पांच ककार का मतलब 'क' शब्द से शुरू होने वाली उन 5 चीजों से है, जिन्हें गुरु गोबिंद सिंह के सिद्धांतों के अनुसार सभी खालसा सिखों को धारण करना होता है. गुरु गोविंद सिंह ने सिखों के लिए पांच चीजें अनिवार्य की थीं- 'केश', 'कड़ा', 'कृपाण', 'कंघा' और 'कच्छा'. इनके बिना खालसा वेश पूर्ण नहीं माना जाता.