पीएम नरेंद्र मोदी ने सोमवार को ग्रेटर नोएडा में इंडिया एक्सपो सेंटर और मार्ट में इंटरनेशनल डेयरी फेडरेशन वर्ल्ड डेयरी समिट 2022 का उद्घाटन किया है. इस दौरान प्रधानमंत्री ने कहा कि डेयरी सेक्टर का सामर्थ्य ना सिर्फ ग्रामीण अर्थव्यवस्था को गति देता है, बल्कि ये दुनिया भर में करोड़ों लोगों की आजीविका का भी प्रमुख साधन है. विश्व के अन्य विकसित देशों से अलग, भारत में डेयरी सेक्टर की असली ताकत छोटे किसान हैं. आज भारत में डेयरी कोऑपरेटिव का एक ऐसा विशाल नेटवर्क है, जिसकी मिसाल पूरी दुनिया में मिलना मुश्किल है.
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आगे कहा कि 2014 के बाद से हमारी सरकार ने भारत के डेयरी सेक्टर के सामर्थ्य को बढ़ाने के लिए निरंतर काम किया है. आज इसका परिणाम मिल्क प्रोटक्शन से लेकर किसानों की बढ़ी आय में भी नजर आ रहा है. उन्होंने कहा कि भारत, डेयरी पशुओं का सबसे बड़ा डेटाबेस तैयार कर रहा है. डेयरी सेक्टर से जुड़े हर पशु की टैगिंग हो रही है. आधुनिक टेक्नोल़ॉजी की मदद से हम पशुओं की बायोमीट्रिक पहचान कर रहे हैं. हमने इसे नाम दिया है- पशु आधार.
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पीएम मोदी ने कहा कि 2014 में भारत में 146 मिलियन टन दूध का उत्पादन होता था. अब ये बढ़कर 210 मिलियन टन तक पहुंच गया है. यानि करीब-करीब 44 प्रतिशत की वृद्धि हुई है. भारत के डेयरी सेक्टर में वीमेन पावर 70% वर्क फोर्स का प्रतिनिधित्व करती है. भारत के डेयरी सेक्टर की असली कर्णधार महिलाएं हैं. भारत के डेयरी सेक्टर की यह चौथी यूनिकनेस है, जिसकी उतनी चर्चा नहीं हो पाती.