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दिल्ली में चुनाव से पहले सियासी पारा चढ़ा, क्या है AAP समेत इन राजनीतिक दलों की रणनीति?

लोकसभा चुनावों में दिल्ली की 7 सीटों पर जीत हासिल करने वाली भाजपा ने उस जीत का श्रेय आरएसएस के साथ साझा किया था. उस वक्त बताया गया था कांग्रेस और आप के गठबंधन के बावजूद आरएसएस के पन्ना प्रमुख और उनकी छोटी बड़ी बैठकों ने भाजपा को दिल्ली में 7 - 0 करने में अहम भूमिका निभाई थी.

Mohit Sharma और Mohit Bakshi
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Political temperature rises before elections in Delhi

दिल्ली में चुनाव से पहले सियासी पारा चढ़ा, क्या है आप समेत इन राजनीतिक दलों की रणनीति?

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राजधानी दिल्ली में इस बार सियासी ऊंट की करवट अपनी ओर करने की कवायद शुरू हो गई है और इस कवायद में तीनो ही राजनीतिक दल आम आदमी पार्टी, भाजपा और कांग्रेस कोई कोर कसर नहीं छोड़ना चाह रही है. यही वजह है कि बेशक चुनाव में अभी 2 से 3 महीने का समय अभी बाकी हो लेकिन चुनावी रणनीति सभी पार्टियों ने तैयार करनी शुरू कर दी है. कांग्रेस पार्टी इस बार 2024 के लोकसभा की रणनीति के तहत न्याय यात्रा से ही अपने अभियान की शुरुआत करने जा रही है तो वहीं भाजपा एक बार फिर आरएसएस के पन्ना प्रमुखों के जरिए दिल्ली फतह का प्लान तैयार कर रही है. 

1 लाख वालीटियर्स को शपथ दिलाएंगी आम आदमी पार्टी

वहीं आम आदमी पार्टी ने भी इस बार आरएसएस के पन्ना प्रमुखों की काट के लिए एक बार फिर अपने वॉलेंटियर्स और बूथ की रणनीति को ही मजबूत करने की तैयारी की है. इसके लिए आम आदमी पार्टी 11 नवंबर से 20 नवंबर तक 1 लाख वालीटियर्स को शपथ दिलाने के लिए दिल्ली के 14 जिलों में शपथ दिलवाने के कार्यक्रम की शुरुआत करने जा रही है. आप ने इसके लिए हर जिले में 5  विधानसभाएं रखी है. जिसमें अरविंद केजरीवाल सभी कार्यकर्ताओं को संबोधित भी करेंगे. 11 नवंबर से शुरू होने वाला यह सम्मेलन 20 नवंबर तक चलेगी जिसके तहत 11 नवंबर को किराड़ी और तिलक नगर जिला, 12 नवंबर को राजेंद्र नगर और संगम विहार जिला, 15 नवंबर मॉडल टाउन और नजफगढ़ जिला, 16 नवंबर को त्रिलोकपुरी और बाबरपुर जिला, 18 नवंबर को वजीरपुर और नरेला, 19 नवंबर को कड़कड़डूमा और घोंडा, 20 नवंबर को महरौली और नई दिल्ली विधानसभा में होगा. दिल्ली में हमने जिन विपरीत परिस्थितियों में काम किया, उस काम और अरविंद केजरीवाल के संदेश को जन-जन तक पहुंचाने के लिए हम अपनी तैयारी कर रहे हैं.

भाजपा ने उस जीत का श्रेय आरएसएस के साथ साझा किया

 पहले भी हमने अपने कार्यकर्ता और वालंटियर्स के दम पर सरकार बनाई है और विपरीत परिस्थितियों में काम करके दिखाया है. लोकसभा चुनावों में दिल्ली की 7 सीटों पर जीत हासिल करने वाली भाजपा ने उस जीत का श्रेय आरएसएस के साथ साझा किया था. उस वक्त बताया गया था कांग्रेस और आप के गठबंधन के बावजूद आरएसएस के पन्ना प्रमुख और उनकी छोटी बड़ी बैठकों ने भाजपा को दिल्ली में 7 - 0 करने में अहम भूमिका निभाई थी. इसी को ध्यान में रखते हुए आप आदमी पार्टी ने दिल्ली के 13637 बूथों पर बूथ इंचार्ज बनाने की तैयारी कर ली है. अब आपको बताते है की आप की इस नई रणनीति को अमलीजामा कैसे पहनाया जाएगा जिससे कि भाजपा के पन्ना प्रमुखों को टक्कर दी जा सके. इसके आम आदमी पार्टी ने एक खाका तैयार किया है, जिसमें 13637 बूथ इंचार्ज होंगे. हर बूथ पर 10 लोगों की एक कमेटी बनाई जाएगी .ये कमेटी 250 घर या 1000 लोगों को कवर करने का काम करेगी.

3500 मंडल अध्यक्ष भी बनाए जाएंगे

बूथ इंचार्ज और बूथ कमेटियों के काम पर नजर रखने के लिए 3500 मंडल अध्यक्ष भी बनाए जाएंगे, जिनकी घोषणा भी पार्टी बहुत जल्द करने वाली है. मीडिया के सवालों का जवाब देते हुए गोपाल राय ने कहा कि हमें भाजपा से मुकाबला करने की जरूरत नहीं है. जिस तरह से आम आदमी पार्टी की सरकार ने विपरीत परिस्थितियों में भी दिल्ली के अंदर काम किया है, अरविंद केजरीवाल का संदेश और पार्टी के मिशन को लोगों तक पहुंचाने के लिए हम यह पूरा संगठनात्मक ढांचा रिवाइज कर रहे हैं. हमने पहले चुनाव में भी अपने वॉलंटियर्स और कार्यकर्ताओं के दम पर लगातार दिल्ली के अंदर सरकार बनाई है और हमने सरकार बनाकर काम करके दिखाया है. आज की तारीख में भी इतनी तमाम परिस्थितियों के बावजूद दिल्ली के अंदर आम आदमी पार्टी की सरकार ने जितना काम किया है, पूरे देश में किसी भी सरकार ने इसका आधा भी काम नहीं किया है. इस संदेश को लेकर हम घर-घर पहुंचने के लिए अपने वॉलंटियर्स की पूरी फोर्स को तैयार कर रहे हैं. दिल्ली में जनवरी अंत या फरवरी के पहले सप्ताह में विधानसभा चुनाव होने है  इसलिए  सभी राजनीतिक दल कोई कोर कसर नहीं छोड़ना चाहेंगे यही वजह है की भाजपा के पन्ना प्रमुखों का जवाब देने की तैयारी आम आदमी पार्टी ने कर ली है .

 

Delhi Politics
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