Delhi Floods News: दिल्ली में यमुना नदी का जलस्तर तेजी से बढ़ने के कारण राजधानीवासियों की चिंताएं एक बार फिर बढ़ गई हैं. पिछले साल आई बाढ़ से जूझने के बाद इस साल भी यमुना का जलस्तर चेतावनी स्तर के करीब पहुंच चुका है, जिससे शहर में बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है. दिल्ली की आम आदमी पार्टी सरकार ने इसे देखते हुए सख्त कदम उठाने शुरू कर दिए हैं.
हथिनीकुंड बैराज से छोड़ा जा रहा पानी
आपको बता दें कि दिल्ली के सिंचाई एवं बाढ़ नियंत्रण मंत्री सौरभ भारद्वाज ने बाढ़ की तैयारियों की समीक्षा के बाद जानकारी दी कि हरियाणा के हथिनीकुंड बैराज से लगातार पानी छोड़े जाने के कारण यमुना का जलस्तर बढ़ता जा रहा है. पुराने रेलवे पुल पर यमुना का जलस्तर 204.35 मीटर तक पहुंच चुका है, जबकि चेतावनी स्तर 204.5 मीटर है. उन्होंने बताया कि फिलहाल बैराज से करीब 10,000 से 13,000 क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा है, जिससे जलस्तर में और वृद्धि हो सकती है.
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केजरीवाल सरकार की तैयारी
वहीं मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की अगुवाई में दिल्ली सरकार ने बाढ़ के संभावित खतरे को देखते हुए जरूरी तैयारियां शुरू कर दी हैं. मंगलवार से ही नदी के आसपास के निचले इलाकों में मुनादी करवाई जा रही है, जिसमें लोगों से अपील की जा रही है कि वे नदी के पास न जाएं और बच्चों को नदी में तैरने से रोकें. इसके साथ ही, सिंचाई एवं बाढ़ नियंत्रण और राजस्व विभाग ने नावों और बचाव कार्य के लिए पूरी तैयारी कर ली है.
पिछली बाढ़ से सबक लेकर तैयारी
साथ ही आपको बता दें कि भारद्वाज ने बताया कि पिछले साल की बाढ़ जैसी स्थिति को दोबारा न दोहराने के लिए विभागों ने खुद को तैयार कर लिया है. आईटीओ बैराज के जाम गेटों को साफ कर दिया गया है और नदी के प्रवाह में अवरोध पैदा करने वाले गाद के द्वीपों को पायलट कट से काटकर हटा दिया गया है. इससे पानी का बहाव तेज होगा और बाढ़ की स्थिति को रोका जा सकेगा.
लगातार बढ़ रहा जलस्तर और संभावित खतरा
वहीं पिछले कुछ दिनों से पहाड़ी इलाकों में लगातार हो रही बारिश के कारण हथिनीकुंड बैराज से लगातार पानी छोड़ा जा रहा है. सोमवार शाम तक 23065 क्यूसेक पानी छोड़ा गया, जिससे यमुना का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है. पुराने लोहा पुल पर चेतावनी स्तर 204.5 मीटर और खतरे का निशान 205.33 मीटर है. मौजूदा समय में जलस्तर चेतावनी स्तर के करीब पहुंच चुका है और बारिश जारी रहने की स्थिति में और अधिक पानी छोड़े जाने की संभावना है, जिससे दिल्ली में बाढ़ का खतरा बढ़ सकता है.
इसके अलावा आपको बता दें कि पिछले साल की बाढ़ ने दिल्लीवासियों को काफी परेशानी में डाला था. यमुना का जलस्तर खतरे के निशान को पार कर गया था, जिसके चलते कई इलाकों में जलभराव हो गया और लोगों को घर छोड़कर राहत शिविरों में शरण लेनी पड़ी थी. इस बार, सरकार ने पहले से तैयारी कर रखी है, ताकि ऐसी स्थिति से निपटा जा सके और लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके.