देश की राजधानी दिल्ली में ब्लैक आउट का खतरा मंडरा रहा है. दिल्ली को बिजली आपूर्ति करने वाले अधिक तर पॉवर प्लांट्स में कोयले की भारी कमी हो गई है. यहां तक कि जिन प्लांट्स में कम से कम 21 दिनों का बैकअप कोयला होना चाहिए, उन प्लांट्स में सिर्फ एक ही दिन का कोयला बचा हुआ है. जानकारी के मुताबिक, कोयले की कमी के चलते सिर्फ दिल्ली ही नहीं, बल्कि 12 राज्यों में बिजली संकट का सामना करना पड़ रहा है.
मेट्रो ट्रेन-अस्पतालों को हो सकती है बिजली की कमी
इस बीच दिल्ली सरकार ने चेताया है कि कोयले की आपूर्ति में और देरी हुई, तो मेट्रो ट्रेन और अस्पतालों तक को बिजली देने में समस्या आ सकती है. इस पूरे मामले को लेकर दिल्ली के ऊर्जा मंत्री सत्येंद्र जैन ने स्थिति को लेकर इमरजेंसी मीटिंग बुलाई. बता दें कि दादरी, ऊंचाहार, कहलगांव, फरक्का और झज्जर पावर प्लांट से 1,751 मेगावाट बिजली हर दिन दिल्ली को भेजी जाती है. लेकिन इन सभी पावर प्लांट्स पर कोयले की कमी है.
मंत्री सत्येंद्र जैन ने बताई ये वजह
दिल्ली सरकार के ऊर्जा मंत्री सत्येंद्र जैन ने कहा कि पूरे देश के अंदर कोयले की भयंकर कमी है. उन्होंने कहा कि इसकी सबसे बड़ी वजह रेलवे के रैक की कम उपलब्धता है. इसके अलावा कोयले की भी कमी है. उसके वजह से पूरे देश के पावर प्लांट्स में कोयले की गंभीर समस्या है. उन्होंने कहा कि हमारे पास कोई बैकअप नहीं है. बिजली को स्टोर भी नहीं किया जा सकता. बिजली रोजाना बनती है. उन्होंने कहा कि कोयले से बिजली बनाने के मामले में 21 दिनों का कोयले का बैकअप होना चाहिए. लेकिन एनटीपीसी दादरी और एनटीपीसी ऊंचाहार में सिर्फ ही 1 दिन का कोयला बचा है. दिल्ली के ऊर्जा मंत्री सत्येंद्र जैन ने साफ किया कि दिल्ली का कोई पेंडिंग पेमेंट नहीं है. हमने पैसा दे दिया है.
हालांकि एनटीपीसी ने सत्येंद्र जैन के आरोपों को खारिज कर दिया है.
All 6 Units of Dadri and 5 Units of Unchahar are running at full capacity and receiving regular coal supplies. Present stock is 140000 MT and 95000 MT respectively and import coal supplies are also in pipeline: NTPC Limited pic.twitter.com/6xyKrClKZa
— ANI (@ANI) April 29, 2022
HIGHLIGHTS
- दिल्ली में ब्लैक आउट का खतरा
- कोयला प्लांट्स में सिर्फ एक दिन का स्टॉक
- सत्येंद्र जैन बोले-जल्द उठाने होंगे कदम
Source : News Nation Bureau