राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सोमवार को राष्ट्रीय शिक्षा नीति पर राज्यपालों के सम्मेलन के उद्घाटन सत्र को वीडियो कॉन्फ्रेंस से संबोधित करेंगे. प्रधानमंत्री ने एक ट्वीट में कहा, कल, सात सितंबर सुबह 10.30 बजे, मैं, राष्ट्रपति जी, राज्यपालों और विश्वविद्यालयों के कुलपतियों के साथ राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 और इसके क्रांतिकारी प्रभाव पर एक सम्मेलन में भाग लूंगा. इस सम्मेलन में होने वाला विचार-विमर्श भारत को ज्ञान का केंद्र बनाने के हमारे प्रयासों को मजबूत करेगा.
सम्मेलन का विषय उच्च शिक्षा के बदलाव में राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 की भूमिका रखा गया है. प्रधानमंत्री कार्यालय के एक वक्तव्य के अनुसार राज्यपालों के इस सम्मेलन में सभी राज्यों के शिक्षा मंत्री, राज्य विश्वविद्यालयों के कुलपति और अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी शामिल होंगे. बयान में कहा गया, राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 इक्कीसवीं सदी की पहली शिक्षा नीति है, जिसे राष्ट्रीय शिक्षा नीति 1986 के 34 वर्ष बाद घोषित किया गया है. नयी शिक्षा नीति को स्कूल और उच्च शिक्षा स्तर दोनों में बड़े सुधारों के लिए लाया गया है.
इसमें कहा गया है, नयी राष्ट्रीय शिक्षा नीति भारत को न्यायसम्मत और जागरूक समाज बनाने का प्रयास करने वाली है. यह ऐसी भारत-केंद्रित शिक्षा प्रणाली की परिकल्पना करती है जो भारत को वैश्विक महाशक्ति बनाने में सीधे योगदान दे. बयान के मुताबिक राष्ट्रीय शिक्षा नीति के जरिए व्यापक परिवर्तन देश की शिक्षा प्रणाली में आमूल-चूल बदलाव लाएगा और प्रधानमंत्री की सोच के अनुरूप आत्म-निर्भर भारत बनाने की दिशा में सक्षम एवं सुदृढ़ शैक्षिक पारिस्थितिकी तंत्र का निर्माण करेगा.
देशभर में राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के विभिन्न पहलुओं पर कई वेबिनार, डिजिटल कॉन्फ्रेंस और सम्मेलन आयोजित किए जा रहे हैं. शिक्षा मंत्रालय और विश्वविद्यालय अनुदान आयोग ने पिछले दिनों राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के तहत उच्च शिक्षा में परिवर्तनकारी सुधारों पर सम्मेलन आयोजित किया था, जिसे खुद प्रधानमंत्री ने संबोधित किया था. प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 29 जुलाई को राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 को मंजूरी दी थी.
Source : Bhasha/News Nation Bureau