कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी ने दिल्ली में छा रहे प्रदूषण को लेकर अपनी चिंता जाहिर की. उन्होंने इसे जहरीला बताते हुए कहा कि ये बच्चों और बुजुर्गों के लिए खतरनाक है. उन्होंने कहा कि हमें एक साथ बैठकर इस समस्या से निपटने की कोशिश करनी चाहिए. इसके अलावा उन्होंने ट्वीट किया- वायनाड से दिल्ली वापस आई. वहां की हवा खूबसूरत है और AQI 35 है. लेकिन दिल्ली में प्रवेश करते ही लगा मानो गैस चैंबर में प्रवेश किया हो. पूरी दिल्ली पर धुंध की चादर और भी चौंकाने वाली लगती है. उन्होंने कहा कि दिल्ली का प्रदूषण हर साल बदतर होता जा रहा है.
मिलकर निकालना होगा समाधान
प्रियंका गांधी ने आगे बताया कि हमें वास्तव में इस पार्टी या उस पार्टी से परे हटकर एक साथ मिलकर स्वच्छ हवा के लिए समाधान ढूढ़ निकालना चाहिए. इस प्रदूषण में बच्चों, बुजुर्गों के लिए सांस लेना व्यावहारिक रूप से असंभव है. हमें बस इसके बारे में कुछ ठोस कदम उठाने होंगे.
वीरेंद्र सचदेवा ने भी चिंता की जाहिर
इधर, दिल्ली भाजपा अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने भी प्रदूषण पर चिंता जताई है. उन्होंने कहा, 'दिल्ली सरकार की निष्क्रियता के चलते राजधानी में वायु प्रदूषण की समस्या गंभीर हो गई है. कर्तव्य पथ और इसके आसपास सुबह एक्यूआइ 450 के ऊपर पहुंच गया है'.
वीरेंद्र सचदेवा ने आगे कहा कि पंजाब में पराली जलने और दिल्ली की सड़कों व निर्माण स्थलों से उड़ने वाली धूल भी एक बड़ा कारण है. इसकी वजह से वायु की गुणवत्ता खराब हो रही है. इसमें सुधार के लिए दिल्ली सरकार कोई प्रभावी कदम नहीं उठा रही है. इस विफलता के लिए दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय को अपने पद से इस्तीफा देना चाहिए.
पर्यावरण मंत्री पर साधा निशाना
सचदेवा बोले, 'एक माह पूर्व दिल्ली में एक्यूआई 200 के आसपास था. उस समय गोपाल राय निर्माण स्थलों का निरीक्षण कर जुर्माना लगाते दिखते थे. अब वायु प्रदूषण अधिक बढ़ने पर वह कहीं निरीक्षण करते नहीं दिख रहे हैं. सड़कों और निर्माण स्थल पर पानी के छिड़काव की बात की जाती थी, परंतु दिल्ली के अधिकांश क्षेत्र में इसकी व्यवस्था नहीं है. अब पर्यावरण मंत्री प्रदूषण का दोष मौसम को दे रहे हैं. यदि वह अपनी पार्टी की पंजाब सरकार से बात कर पराली जलने पर रोक लगवाते और दिल्ली में धूल की समस्या हल कराते तो हवा इतनी जहरीली नहीं होती'.